Fact Check : ईरान के हमले को लेकर एक खबर विवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. इसका भारत की सरकार ने खंडन किया. दरअसल, सरकार ने उन रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन किया कि जिसमें कहा था रहा था, अमेरिकी सेना ने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को अंजाम देने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु साइट्स (फोर्डो, नतांज और एस्फाहान) पर हमला किया था.
Several social media accounts have claimed that Indian Airspace was used by the United States to launch aircrafts against Iran during Operation #MidnightHammer #PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 22, 2025
❌ This claim is FAKE
❌Indian Airspace was NOT used by the United States during Operation… pic.twitter.com/x28NSkUzEh
पीआईबी फैक्ट चेक में फेक निकली खबर
एक आधिकारिक बयान में, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने दावों को “फर्जी” बताया. पीआईबी की ओर से साफ कहा गया, “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया गया था.” यह बयान ऐसे समय में आया है जब रविवार को कई एक्स यूजर्स ने दावा किया था कि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया. पीआईबी ने अमेरिकी संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन की प्रेस ब्रीफिंग का हवाला दिया. इसमें उन्होंने अमेरिकी विमानों द्वारा अपनाए गए ऑप्शनल रूट के बारे में विस्तार से बताया था.
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सरकार की फैक्ट चेक यूनिट ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें कहा गया, “कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान ईरान के खिलाफ विमान लॉन्च करने के लिए अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया था. यह दावा फर्जी है. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया गया था. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन ने अमेरिकी विमानों द्वारा इस्तेमाल किए गए रूट के बारे में बताया.”
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख संवर्धन केंद्रों (फोर्डो, नतांज और एस्फाहान) पर हमला किया है, उन्होंने इस हमले को ‘शानदार सैन्य सफलता’ बताया. ईरान-इजरायल संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप करने के अमेरिका के कदम ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है. ऑपरेशन के दौरान, दो जगहों पर बंकर-बस्टर बम गिराने के लिए बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों का उपयोग किया गया. इस्फहान परमाणु साइट पर टॉमहॉक मिसाइलें गिराई गईं.