Fact Check: देश के लोग इस समय मोटापे की समस्या से परेशान हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जाहिर की है. जिसके बाद मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई. जिसमें तेल और चीनी को लेकर वार्निंग लेवल लगाने का निर्देश दे दिया गया है. सरकार के इस आदेश के बाद देशभर में हड़कंप मच गई. फर्जी खबरें चलने लगी कि समोसे और जलेबी पर सिगरेट की तरह वार्निंग लेवल लगाने का आदेश दे दिया है. लेकिन सरकार ने इस खबर को फर्जी बता दिया है और साफ कर दिया है कि किसी खास उत्पाद पर वार्निंग लेवल लगाने का आदेश नहीं दिया गया है. बल्कि कहा गया है कि कैंटीन, कैफेटेरिया जैसे सार्वजनिक स्थलों पर बोर्ड लगाए जाएं, जिसमें बताया जाए कि अधिक तेल और चीनी सेहत के लिए हानिकारक है. ये बोर्ड लोगों को आगाह करने के लिए लगाने की सलाह दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर बताया गया कि तेल और चीनी वार्निंग लेवल लगाने के लिए जारी की गई सलाह, स्वास्थ्यवर्धक आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देने की एक पहल है. ये बोर्ड विभिन्न खाद्य पदार्थों में छिपे वसा और अतिरिक्त चीनी को लेकर चेतावनी देता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा, एडवाइजरी में कुछ खास खाद्य उत्पादों पर ‘चेतावनी लेबल’ लगाने का निर्देश नहीं दिया गया है.
पीआईबी फैक्ट चेक में क्या कहा गया?
समोसा और जलेबी को लेकर भ्रामक खबरों पर पीआईबी ने फैक्ट चेक किया. पीआईबी ने अपने एक्स पर लिखा, कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसे, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है. पीआईबी ने इस दावे का खंडन कर दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 21 जून को लिखा था पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने 21 जून को लिखे पत्र में कहा कि भारत में वयस्कों और बच्चों, दोनों में मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को काफी बढ़ा देता है. यह मानसिक स्वास्थ्य, मोबिलिटी और क्वालिटी ऑफ लाइफ को भी प्रभावित करता है और आर्थिक बोझ भी डालता है. इस लिए इस पर शीघ्र रोकथाम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.