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Farmers Protest : सरकार ने अगले दौर की वार्ता के लिए 40 किसान संगठनों को 30 दिसंबर को बुलाया

Farmers Protest, Farm Laws, Central Government, calls farmers for meeting, 30th December केंद्र सरकार ने किसान संगठनों के प्रस्ताव को मान लिया है और उन्हें बातचीत के लिए 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे बुलाया है. भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने पत्र जारी कर किसान संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया.

केंद्र सरकार ने किसान संगठनों के प्रस्ताव को मान लिया है और उन्हें बातचीत के लिए 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे बुलाया है. भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने पत्र जारी कर किसान संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. मालूम हो सरकार और किसानों के बीच वार्ता विज्ञान भवन में होगी.

सरकार ने किसानों की कहा कि वह साफ नियत और खुले मन से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कृषि कानूनों एवं एमएसपी की खरीद व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसानों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.

मालूम हो किसान संगठनों ने 26 दिसंबर को बैठक कर सरकार को बैठक करने के लिए प्रस्ताव पत्र भेजा था. किसान संगठनों ने अपने प्रस्ताव में साफ कर दिया था कि वे कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इसके अलावा, सरकार से स्पष्ट किया कि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी का मुद्दा एजेंडा में शामिल होना चाहिए.

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार को आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी थी. इसके अलावा कहा था कि 30 दिसंबर को सिंघू-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित किया जाएगा.

जहां एक ओर 40 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, वहीं देशभर के 25 किसान संगठनों ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलकर कानून के समर्थन में अपनी सहमति पत्र सौंपी है.

सभी 25 किसान संगठन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर एक कार्यक्रम के दौरान अपना समर्थन पत्र सौंपा. मालूम हो इससे पहले भी हरियाणा, यूपी, बिहार के कई किसान संगठनों ने कृषि कानून का समर्थन करते हुए कृषि मंत्री को सहमति पत्र सौंपा था.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित इन तीनों कृषि कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान कड़ाके की सर्दी के बावजूद पिछले 33 दिनों से जमे हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जतायी है कि नये कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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