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वुहान शहर जाना चाहती है भारत में मिली कोरोना की पहली मरीज, जानिए आखिर क्या है असली कारण

आपको यह भी बता दें कि चीन के वुहान शहर जाने की मंशा रखने वाली भारत की पहली कोरोना मरीज केरल के त्रिशूर की रहने वाली है.

नई दिल्ली : भारत में मिली कोरोना की पहली मरीज चीन के उस वुहान शहर में जाना चाहती है, जहां पर तथाकथित तौर दुनिया को महामारी के मुंह में धकेलने वाला खतरनाक कोविड-19 नामक वायरस पैदा हुआ. यह जानकर आप भी चौंक जाएंगे कि आखिर वह उस वुहान शहर में जाना क्यों चाहती है? इस सवाल का एक ही जवाब है और वह यह कि भारत की पहली कोरोना मरीज अपने सपने को साकार करने के लिए चीन का वुहान शहर जाना चाहती है, क्योंकि वह वुहान शहर में रहकर ही मेडिकल की पढ़ाई करती है.

केरल की त्रिशूर की रहने वाली भारत की पहली कोरोना मरीज

आपको यह भी बता दें कि चीन के वुहान शहर जाने की मंशा रखने वाली भारत की पहली कोरोना मरीज केरल के त्रिशूर की रहने वाली है. वह अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने वुहान जाना चाहती है. 25 जनवरी 2020 को वह जब चीन के वुहान शहर से त्रिशूर वापस आई थी, तो उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि वह अपने साथ खतरनाक कोरोना वायरस साथ लेकर आई है.

30 जनवरी 2020 को केरल से सामने आया था कोरोना का पहला केस

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल के त्रिशूर से सामने आया था. दुनिया को महामारी के मुंह में धकेलने वाला खतरनाक वायरस का भारत में पहला शिकार 20 साल की युवती बनी थी, जो 25 जनवरी 2020 को वुहान शहर से वापस आई थी. यह 20 साल की युवती चीन के वुहान शहर में मेडिकल की पढ़ाई करत है और भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती है.

क्यों जाना चाहती है वुहान

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कोरोना की पहली मरीज अब पूरी तरह फिट है और अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए वुहान जाने की इच्छुक है. वुहान में मेडिकल की छात्रा के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना को अब हैंडल किया जा सकता है, लेकिन मेरी बेटी का करियर पूरी तरह से अधर में लटक गया है. उन्होंने कहा कि उसे चीन जाना है. हमने चीन में पढ़ रहे सैकड़ों मेडिकल छात्रों के लिए वहां के अधिकारियों से बातचीत की गुहार केंद्र सरकार से लगाई है.’

महामारी ने सबको प्रभावित किया, मेरी बेटी अलग नहीं

वुहान के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली छात्रा के पिता ने आगे कहा कि महामारी ने सबको प्रभावित किया है. मेरी बेटी भी अलग नहीं है. वह संक्रमित होने वाले अन्य लोगों की तरह जिंदगी में आगे बढ़ चुकी है. मेरी बेटी दो बार संक्रमित हुई थी. हम भी एक बार संक्रमित हुए थे. जुलाई 2020 में मेरी पत्नी और मां को भी निमोनिया हुआ था.’

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52 हफ्ते का इंटर्नशिप पूरा करना बेहद जरूरी

छात्रा के पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी पुरानी बातों को भूल जाना चाहती है और अपने कर‍ियर पर ध्यान लगाना चाहती है. वह प‍िछले दो साल से ऑनलाइन तरीके से अपनी पढ़ाई कर रही है. उसने बीते द‍िसंबर महीने में अपना एमबीबीए कोर्स प‍िछले साल पूरा किया है, लेक‍िन अब अब उसे वुहान विश्वविद्यालय के न‍ियमों के मुताब‍िक 52 हफ्ते का इंटर्नश‍िप कोर्स पूरा करना बेहद जरूरी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा के पिता ने कहा, ‘अब उसे कॉलेज वापस जाना है, क्योंकि चीनी कानून के आधार पर किसी भी एमबीबीएस छात्र के लिए वहां रहकर 52 हफ्ते की इंटर्नशिप करना जरूरी होता है. डिग्री पाने के लिए ग्रेजुएशन के आखिरी साल में ऐसा करने का नियम है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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