Gold Reserves in India: ओडिशा में सोने का विशाल भंडार मिला है. इससे देश की तकदीर बदल सकती है. यह खोज भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस भंडार से देश की सोने की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी. अभी भारत सोने की खपत के मामले में विश्व में अग्रणी है. 2024 में, देश में 563.4 टन सोने के आभूषणों की खपत हुई, जो चीन से भी ज्यादा है. हालांकि, अधिकांश सोना आयात किया जाता है. इस वजह से विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है. ओडिशा में सोने का भंडार मिलने से इस स्थिति में सुधार की संभावना व्यक्त की जा रही है.
सरकार ने इस क्षेत्र में खनन कार्य शुरू करने का प्लान तैयार किया है. खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग देश के विकास कार्यों में किया जाएगा. इसके अलावा, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. क्षेत्र का आर्थिक विकास भी देखने को मिलेगा.
सोने के भंडार पर क्या है विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सोने के भंडार का सही और सतत उपयोग देश की आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकता है. यह खोज भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. हालांकि, खनन कार्यों के दौरान पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखना जरूरी होगा. सरकार ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है, ताकि खनन से पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे.
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भारत करीब 80% सोना विदेशों से मंगवाता है
भारत सोने की खपत के मामले में चीन से भी आगे निकल चुका है. साल 2024 में भारत में 563.4 टन सोने के गहनों की खपत हुई, वहीं चीन में ये आंकड़ा 511.4 टन रहा. इसका मतलब है कि भारतीय लोग सबसे ज्यादा सोना खरीदते हैं. देश में सोने की खपत तो बहुत है, लेकिन उत्पादन बहुत कम है. यही वजह है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 80% सोना विदेशों से मंगवाता है. अब ओडिशा में जो सोने का बड़ा भंडार मिला है, उससे देश को बहुत फायदा पहुंच सकता है. सोने का भंडार किसी भी देश की आर्थिक ताकत का पैमाना माना जाता है.