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Nasha Mukt Bharat Abhiyan: जन-आंदोलन बनायेगी सरकार 

सरकार 26 जून, 2025 को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस मनाएगी. नशा मुक्त भारत अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए देश भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस कार्य के लिए 20,000 से अधिक मास्टर स्वयंसेवकों की पहचान की गई और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.

Nasha Mukt Bharat Abhiyan: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय देश में नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने, नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम, समस्या का आकलन, निवारक कार्रवाई, उपयोगकर्ताओं के उपचार और पुनर्वास, सूचना के प्रसार के सभी पहलुओं का समन्वय और निगरानी करता है. मंत्रालय ने नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है जो वर्तमान में देश के सभी जिलों में युवाओं को मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. इस अभियान में उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों और समुदाय तक पहुंच बनाने और सामुदायिक भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग 26 जून, 2025 को डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल.वर्मा और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.

युवाओं तक पहुंचेगा अभियान का संदेश

मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाला विकार एक समस्या है जो देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा है. किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है. विभिन्न मादक पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की इन पर निर्भरता बढ़ जाती है. यह मादक पदार्थ मनोवैज्ञानिक विकार, हृदय संबंधी रोग, साथ ही दुर्घटनाएं, आत्महत्या और हिंसा का कारण बन सकते हैं. इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सा समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए.

इस अभियान के तहत सरकार की कोशिश है कि इस अभियान का संदेश देश के बच्चों और युवाओं तक पहुंचे. अब तक, जमीनी स्तर पर की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से, 15.78 करोड़ से अधिक लोगों को मादक द्रव्यों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जिसमें 5.26 करोड़ से अधिक युवा और 3.31 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं.  वहीं 4.31 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की गयी है. 20,000 से अधिक मास्टर वालंटियर्स (एमवी) की एक मजबूत टीम की पहचान की गई है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.

देश भर में चलेगा नशा मुक्त भारत अभियान 

प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है. देश भर में नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) के अंतर्गत विभाग ने सभी समर्थित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और सभी गैर सरकारी संगठनों/स्वैच्छिक संगठनों से 1 जून से 26 जून, 2025 तक एनएमबीए के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम/कार्यक्रम आयोजित करने और संचालित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया गया है इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग पूरे देश में जन आंदोलन के रूप में नशा मुक्त भारत अभियान तक पहुंच सुनिश्चित करेगा. एनएमबीए को समर्थन देने और जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग, ब्रह्माकुमारीज, संत निरंकारी मिशन, राम चंद्र मिशन (दाजी), इस्कॉन और अखिल विश्व गायत्री परिवार जैसे आध्यात्मिक/सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. अभियान तक जनता की पहुंच के लिए सभी नशामुक्ति सुविधाओं को जियो-टैग किया गया है.

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