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Health: जन औषधि केंद्र के लिए जन आंदोलन बनाने का चलेगा अभियान

जन औषधि केंद्र का असर जमीनी स्तर पर दिख रहा है. इस केंद्र के कारण पिछले 10 साल में आम लोगों पर दवा पर होने वाले खर्च में 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है. लोगों के बीच जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली जेनरिक दवाओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक सप्ताह तक अभियान शुरू किया है.

Health:आम लोगों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवा मुहैया कराने के लिए शुरू की गयी जन औषधि केंद्र का असर जमीनी स्तर पर दिख रहा है. इस केंद्र के कारण पिछले 10 साल में आम लोगों पर दवा पर होने वाले खर्च में 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है. लोगों के बीच जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली जेनरिक दवाओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक सप्ताह तक अभियान शुरू किया है. शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा ने एक हफ्ते तक चलने वाले जन औषधि दिवस की शुरुआत की. इस दौरान नड्डा ने प्रधानमंत्री जन औषधि आरोग्य केंद्र को लेकर जानकारी देने वाले रथ और 10 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जन औषधि केंद्र को लेकर जागरूकता बढ़ाने के इस अभियान में भागीदार बनने की अपील की. ताकि आम लोगों को सस्ती और गुणवत्ता दवा मुहैया कराने का अभियान सफल हो सके. देश के लोगों को सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना 10 साल पहले शुरू की गयी थी. इस योजना के तहत देश के हर हिस्से में जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इस साल 28 फरवरी तक देश में 15 हजार जन औषधि केंद्र खोले जा चुके है. इस केंद्र में 2047 दवा और 300 सर्जिकल उपकरण की बिक्री बाजार में उपलब्ध दवाओं से 50-80 फीसदी तक सस्ती होती है.  


जन औषधि केंद्र का और होगा विस्तार


केंद्र सरकार का लक्ष्य अगले कुछ साल में देश में जन औषधि केंद्र की संख्या 25 हजार करने की है. पिछले 10 साल में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 180 गुना वृद्धि हुई है,. वर्ष 2014 में देश में सिर्फ 80 जन औषधि केंद्र थे. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जन औषधि ने 1470 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जिससे आम लोगों को 7350 करोड़ रुपये की बचत हुई. जबकि मौजूदा वित्त वर्ष  में 28 फरवरी तक 1760 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है.

पिछले 10 साल में देश में जेनेरिक दवाओं की बिक्री में लगभग 200 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. इन केंद्रों पर महिलाओं के लिए ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध हैं,जिनकी कीमत एक रुपये प्रति पैड है. इसके अलावा एंटीबायोटिक, एंटी-डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर, एनाल्जेसिक व एंटीपयरेटिक, एंटी-एलर्जी और कई अन्य तरह की दवा उपलब्ध है. हर साल सात मार्च को जन औषधि दिवस के तौर पर मनाया जाता है ताकि आम लोगों में जेनरिक दवाओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके.हफ्ते भर चलने वाले अभियान के तहत जगह-जगह जन औषधि जन चेतना अभियान, जन आरोग्य मेला, जन औषधि बाल मित्र भागीदारी, महिला भागीदारी, सेमिनार, जन औषधि मित्र पंजीकरण अभियान ऐसे कार्यक्रम होंगे. 

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