Heavy Rain Alert : जुलाई का मौसम शुरू हो चुका है और बारिश का तांडव जारी है. पहाड़ी इलाकों में बारिश की तबाही जारी है. इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने डराने वाले संकेत दिए है. आईएमडी ने जुलाई में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया. मध्य भारत,उत्तराखंड और हरियाणा के लोगों को बाढ़ के संभावित खतरे के कारण सतर्क रहने को कहा है. देश के कुछ हिस्सों में मानसून के कारण भारी बारिश हो रही है.
जुलाई में औसतन 28 सेमी होती है बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत के कई इलाकों और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि कई क्षेत्रों में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, लेकिन पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है. देश में जुलाई में औसतन 28 सेमी बारिश होती है.
महापात्रा ने कहा कि मध्य भारत और आसपास के दक्षिणी प्रायद्वीप में भारी बारिश की संभावना है. इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ और तेलंगाना के आसपास के इलाके और गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हरियाणा में भी अच्छी बारिश की उम्मीद है. महापात्रा ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में दिल्ली सहित कई शहर और कस्बे शामिल हैं. दक्षिण की ओर बहने वाली कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं. हमें इन सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों, शहरों और कस्बों के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.’’
हिमाचल प्रदेश में होगी जोरदार बारिश
बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया और पहाड़ी राज्य में छह जुलाई तक बारिश के जारी रहने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश हिस्सों के लिए ‘येलो अलर्ट’ (सचेत रहने के लिए) जारी किया, जबकि उत्तर-पश्चिम दिल्ली जैसे कुछ हिस्से और एनसीआर के झज्जर, भिवानी और पानीपत जैसे क्षेत्र ग्रीन जोन (कोई चेतावनी नहीं) में हैं.
ओडिशा के कुछ जिलों में ‘रेड अलर्ट’
ओडिशा सरकार ने बालासोर और मयूरभंज जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है क्योंकि सुवर्णरेखा, बुधबलंग, जलाका और सोनो जैसी नदियों का जल स्तर बढ़ना जारी है. बालासोर में कम से कम चार प्रखंड (बलियापाल, भोगराई, जलेश्वर और बस्ता) के प्रभावित होने की आशंका है.