Holi 2025: होली को आम तौर पर रंगों के त्योहार और बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इसे पूरे देश में धूमधाम से फागुन के महीने में मनाया जाता है. जिस तरह होली के रंगों में विविधता है, ठीक उसी तरह भारत के अलग-अलग राज्यों में होली मनाने के तरीकों में भी विविधता है. इस पर्व को कहीं ढोलक जत्रा के रूप में मनाया जाता है, तो कहीं इसे लठमार अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. भारत के हर एक राज्य में अनोखी रस्मों और रिवाज के साथ होली का यह उत्सव मनाया जाता है. चलिए जानते हैं भारत के अलग-अलग हिस्सों में होली का पर्व किस तरह से मनाई जाती है.
उत्तर प्रदेश की लठमार होली

उत्तर प्रदेश के बरसाना, मथुरा और वृंदावन की होली पूरे दुनियाभर में प्रसिद्ध है. खासकर लठमार होली और लड्डू होली. इस अनोखी लठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हैं. वहीं पुरुष ढाल की मदद से खुद को बचाते हैं. माना जाता है कि यह परंपरा राधा-कृष्ण के प्रेम गाथा से जुड़ी हुई है.
पश्चिम बंगाल की डोल जात्रा और बसंत उत्सव

पश्चिम बंगाल में होली को डोल जात्रा कहा जाता है. होली के दिन यहां राधा-कृष्ण की मूर्तियों को रथ में बैठा कर कीर्तन और भजन गाए जाते हैं. इसके साथ ही रथ को पूरे नगर में घूमते हुए अबीर और रंग उड़ा कर इस दिन को मनाया जाता है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में बसंत उत्सव के रूप में होली मनाई जाती है, जिसकी शुरुआत रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी. यहां महिलाएं और आदमी पीले रंग का वस्त्र पहनकर नृत्य और संगीत के साथ होली का आनंद लेते हैं.
पंजाब की होला मोहल्ला

पंजाब में होली के अगले दिन होला मोहल्ला का आयोजन किया जाता है. इसे सिख समुदाय के लोग खास अंदाज में मनाते हैं. इस पर्व को पंजाब के आनंदपुर साहिब में खासतौर पर मनाया जाता है. इस परंपरा की शुरुआत शेखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी. इस आयोजन में घुड़सवारी, तलवारबाजी और युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया जाता है.
बिहार की फगुआ

बिहार में होली को फगुआ के नाम से जाना जाता है. यहां होली के पावन दिन में पारंपरिक होली गीत और ठुमरी गाई जाती हैं. इसके अलावा इस दिन लोग भांग और ठंडाई का आनंद लेते हुए जमकर रंगों से खेलते हैं.
महाराष्ट्र की रंग पंचमी

महाराष्ट्र में होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी के रूप में होली मनाई जाती है. यहां सामान्य तौर पर गुलाल और अबीर के साथ होली खेली जाती है. इस मौके पर महाराष्ट्र का प्रसिद्ध पूरनपोली भी बनाया जाता है. माना जाता है कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के मछुआरों ने की थी.
मणिपुर की याओसांग होली

मणिपुर में होली को याओसांग के नाम से जाना जाता है. यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है. इस दिन पारंपरिक थबल चोंगबा नृत्य किया जाता है और भगवान कृष्ण और महाप्रभु की पूजा की जाती है. साथ ही अलग-अलग तरह के खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.
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