IDY: योग, अस्त-व्यस्त लोगों को एकाग्रता प्रदान करता है. योग एक कला, विज्ञान, दर्शन और आध्यात्मिकता है, ऐसे में जो लोग अपने दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करते हैं, वे अपने शरीर तथा विचारों पर नियंत्रण रख पाते हैं. योग हमें प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय बनाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 जून, 2025 को जम्मू और कश्मीर में उधमपुर स्थित उत्तरी कमान में लगभग 2,500 सैनिकों के साथ विभिन्न आसन और श्वास प्राणायाम करके 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) मनाने में सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया. उन्होंने योग को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और इस बात का उल्लेख किया कि यह अभ्यास स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है. उन्होंने योग को आज की तीव्रगामी दुनिया में लोगों के सामने आने वाली कई समस्याओं जैसे तनाव, चिंता और अवसाद का सर्वमान्य समाधान बताया.
आत्मनियंत्रण का शानदार उदाहरण है ऑपरेशन सिंदूर
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को आत्म नियंत्रण का एक शानदार उदाहरण बताते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन के दौरान संयम, संतुलन और सटीकता का प्रदर्शन किया, जो योग के अभ्यास से प्राप्त उनकी आंतरिक शक्ति का प्रतिबिंब है. पहलगाम आतंकी हमले के जरिए भारत की सामाजिक व सांप्रदायिक एकता को निशाना बनाया गया था और ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देता है कि उसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे. ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक का नैसर्गिक परिणाम है. उसे इस तरह से अंजाम दिया गया था कि पाकिस्तान ने युद्ध विराम करने का अनुरोध किया और उसके बाद ही हमने ऑपरेशन को रोका था. उन्होंने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है. पाकिस्तान हमारे देश को अंदर से कमजोर करना चाहता है, लेकिन उसे यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि मेजर सोमनाथ शर्मा की तरह ब्रिगेडियर उस्मान ने भी देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी.
सैनिक को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करता है योग
राजनाथ सिंह ने कहा, आज जब देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है, तो इस अभ्यास का सही अर्थ भी याद रखना चाहिए, जो समाज के हर वर्ग को भारत की संस्कृति और आत्मा से जोड़ता है. यदि एक भी वर्ग पीछे छूट जाता है तो एकता और सुरक्षा का पहिया टूट जाता है. इसलिए आज हमें सिर्फ शारीरिक स्तर पर ही नहीं बल्कि सामाजिक एवं वैचारिक स्तर पर भी योग करना चाहिए. रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों के जवानों के योग के प्रति झुकाव की सराहना की, जिसका सीधा असर उनके अनुशासन और एकाग्रता पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि योग एक सैनिक को शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार करता है और इसका लाभ युद्ध के मैदान में देखा जा सकता है. योग के माध्यम से भारत ने दुनिया को एक ऐसा साधन दिया है जो किसी भी सीमा, धर्म और संस्कृति से परे है. योग हर किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है. इस कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा भी उपस्थित रहें.