India Action on Pakistan: गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ पीओके खाली करने पर बात होगी. जायसवाल ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे देश के दखल को मंजूर नहीं किया जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता तब तक उससे बात नहीं हो सकती है. उन्होंने सिंधू समझौते को निलंबित करने के फैसले पर भी कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता है.
बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं- MEA
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. आतंकवाद के मामले में हम उन कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को दी गई थी. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जम्मू और कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी. सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता.
बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल पर रणधीर जायसवाल ने कहा “सात प्रतिनिधिमंडल हैं. तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं. यह एक राजनीतिक मिशन है. हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुंचाने के लिए एक मजबूत पहुंच बनाना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए एक साथ आए. हम दुनिया से आग्रह करना चाहते हैं कि वे सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं. पाकिस्तान पिछले 40 सालों से भारत के खिलाफ इसे अंजाम दे रहा है. अब उसके कार्यों को उजागर करने की आवश्यकता है. पाकिस्तान को भारत के खिलाफ किए गए आतंकी हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”
चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर कही यह बात
चीन में पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा “हमने कुछ रिपोर्ट देखी हैं. इसके अलावा मुझे कुछ और नहीं कहना है.” विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा “हमने एक विज्ञप्ति जारी की थी. विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए कार्यवाहक विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया, उन्होंने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. विदेश मंत्री ने झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हाल के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज करने का भी स्वागत किया.”