India China Relation : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के समकक्ष एडमिरल डॉन जुन से कहा कि भारत और चीन को द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति बनाए रखनी चाहिए और नई जटिलताओं से बचना चाहिए. उन्होंने गुरुवार को चीन के चिंगदाओ शहर में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान जुन से “सार्थक” बातचीत की और आपसी सहयोग पर जोर दिया. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर जारी सैन्य तनाव को खत्म करने पर पिछले साल अक्टूबर में सहमति बनी थी.
इसके बाद दोनों देशों के संबंधों को सुधारने की कोशिशें शुरू हुईं. इसी कड़ी में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह चीन यात्रा हुई. शुक्रवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि चिंगदाओ में एससीओ की बैठक के दौरान उनकी चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून से मुलाकात हुई. उन्होंने लिखा कि इस दौरान दोनों देशों के बीच के अहम मुद्दों पर सकारात्मक और सार्थक बातचीत हुई है.
मधुबनी पेंटिंग ‘ट्री ऑफ लाइफ’ लेकर चीन गए रक्षा मंत्री
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह ने डॉन को एक मधुबनी पेंटिंग ‘ट्री ऑफ लाइफ’ भेंट की है. मधुबनी पेंटिंग में “ट्री ऑफ लाइफ” (Tree of Life) एक बहुत ही सुंदर और गहरे अर्थ वाली कला है. यह पेंटिंग शैली बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोककला मधुबनी कला का हिस्सा है. “ट्री ऑफ लाइफ” यानी जीवन का वृक्ष — यह एक प्रतीकात्मक चित्र होता है, जो जीवन, उर्जा, प्रकृति और पुनर्जन्म को दर्शाता है. यह पेड़ जड़ों से लेकर शाखाओं तक एकता, संतुलन और निरंतरता का संकेत देता है.
कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले रक्षा मंत्री की चीन यात्रा है खास
चीन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डॉन जून से मुलाकात में कहा कि भारत चीन के साथ किसी भी तरह का संघर्ष या टकराव नहीं चाहता. भारत चाहता है कि आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए, बातचीत को बढ़ावा दिया जाए और विश्वास बढ़ाकर रिश्तों को मजबूत किया जाए. सिंह की यह चीन यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब तिब्बत में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया गया है. यह यात्रा पहले 2020 में कोविड-19 महामारी और फिर एलएसी पर तनाव के कारण रोक दी गई थी. कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तिब्बत में हैं और यह स्थान हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लोगों के लिए धार्मिक रूप से बहुत पवित्र माने जाते हैं.