Hydrogen fuel Train: भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार नई-नई तकनीकों को अपनी सेवाओं में शामिल करता आ रहा है. इस दिशा में भारतीय रेलवे ने एक नया मुकाम हासिल किया है. भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेन का चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में सफल ट्रायल किया गया है.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी सफल ट्रायल की जानकारी
यह तकनीक चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में विकसित की गई है. 25 जुलाई को सफल ट्रायल की जानकारी देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइड्रोजन ट्रेन का सफल ट्रायल हो चुका है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत अभी 1200 हॉर्सपावर की हाइड्रोजन ट्रेन पर काम कर रहा है.
किन-किन देशों के पास है हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली इस ट्रेन की तकनीक
यह तकनीक अभी केवल स्वीडन, जर्मनी, चीन और फ्रांस जैसे चुनिंदा देशों के पास थी, लेकिन इस सफल ट्रायल के बाद भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेन की तकनीक है.
110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी यह ट्रेन
इस ट्रेन का ट्रायल पायलट प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के जींद-सोनीपत रेल खंड पर किया गया. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 111.83 करोड़ रुपये है. यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नॉर्दर्न रेलवे रूट पर यह ट्रेन चलेगी. यह ट्रेन नॉन एसी रहेगी. 31 अगस्त तक इस ट्रेन की डिलीवरी देने की बात कही जा रही है.
पर्यावरण अनुकूल तकनीक से बनी है यह ट्रेन
हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली इस ट्रेन को पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाली तकनीक से बनाया गया है. यह हाइड्रोजन ट्रेन डीजल और बिजली से चलने वाली ट्रेनों के मुकाबले प्रदूषण न के बराबर करती है. इन ट्रेनों की खास बात यह है कि इन ट्रेनों से न तो धुआं निकलता है और न ही हानिकारक गैसें जैसे कार्बन डाइ ऑक्साइड निकलती हैं. ये ट्रेन हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन के रासायनिक रिएक्शन से बिजली उत्पन्न करती है, जिसकी मदद से यह ट्रेन चलती है.