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India Pakistan War: पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने अपने सभी एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है और पाकिस्तानी मिसाइल, ड्रोन और जेट प्लेन भारत को कोई नुकसान पहुंचाने में अबतक बेअसर साबित हुए हैं. पाकिस्तान लगातार मिसाइल अटैक करके भारतीय क्षेत्र में नुकसान करना चाह रहा है, लेकिन उसके इरादे बेकार साबित हुए हैं. पाकिस्तान ने भारत के जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य स्टेशनों को अबतक निशाना बनाया है, लेकिन किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. भारत पूरी मुस्तैदी से अपनी रक्षा में पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहा है और भारतीय डिफेंस सिस्टम बखूबी दुश्मनों को जवाब दे रहा है.
भारत ने सक्रिय किया सभी प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम
S-400 सुदर्शन चक्र
एस-400 सुदर्शन चक्र रूस से खरीदा गया है और इसकी खासियत यह है कि यह 600 किमी तक के रेंज को कवर करता है. यह एक ही वक्त में दुश्मन द्वारा दागे गए 300 मिसाइलों को नष्ट कर सकता है. एस-400 बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट, ड्रोन सभी को ट्रैक और नष्ट कर सकता है. यह एक साथ 80 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है.
L-70 Anti-Aircraft Gun
एल-70 स्वीडन मूल का डिफेंस सिस्टम है. यह थोड़ी पुरानी तकनीक है, लेकिन इसे भारत ने BEL के साथ मिलकर अपग्रेड किया है. यह लगभग 3-4 किमी तक के रेंज में अपने टारगेट को नष्ट कर सकता है. कम ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन और हल्के हवाई वाहनों को मार गिराने के लिए इस डिफेंस सिस्टम का प्रयोग किया जाता है. इसमें ऑटोमैटिक फायरिंग सिस्टम है और यह रडार आधारित टारगेटिंग करता है.
आकाश
आकाश स्वदेशी तकनीक द्वारा विकसित है. यह DRDO द्वारा बनाया गया है. इसकी रेंज 25-30 किमी है और इसका उपयोग फाइटर जेट्स और क्रूज़ मिसाइल जैसे लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए किया जाता है . इसे मोबाइल लॉन्चर से फायर किया जाता है.
बराक-8
बराक-8 को भारत और इजरायल ने साथ में विकसित किया है. इसकी रेंज 70-100 किमी है. यह हवाई खतरे को भांप कर मिसाइल और ड्रोन से रक्षा करता है. यह समुद्र और जमीन पर काम करता है.यह एंटी-जैमिंग तकनीक से लैस है.
क्यूआरएसएएम (Quick Reaction Surface-to-Air Missile, स्वदेशी)
क्यूआरएसएएम का रेंज 25-30 किमी है और यह रडार और ऑप्टिकल दोनों से गाइडेड होता है.
स्पाइडर
स्पाइडर डिफेंस सिस्टम इजरायल में निर्मित है और इसकी रेंज 15-20 किमी है. इस डिफेंस सिस्टम का उपयोग कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ते टारगेट्स को मार गिराने के लिए किया जाता है.यह सिस्टम काफी तेजी से मिसाइल लॉन्च करता है. यह छोटे और तेजी से चलने वाले ड्रोन या एयरक्राफ्ट के लिए बेहतर होता है.