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मणिपुर हिंसा में असम राइफल्स से जुड़े मामले में सेना का बड़ा बयान, जानें क्या है पूरा मामला?

थलसेना ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कार्रवाई में वह और असम राइफल्स दृढ़ रहेंगे. सेना की ‘स्पीयर कोर’ ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि असम राइफल्स की छवि धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत प्रयास किए गए हैं.

थलसेना ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कार्रवाई में वह और असम राइफल्स दृढ़ रहेंगे. सेना की ‘स्पीयर कोर’ ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि असम राइफल्स की छवि धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत प्रयास किए गए हैं, जो जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने में लगी हुई है.

बयान में कहा गया है, ‘‘कुछ उपद्रवी तत्वों ने तीन मई से मणिपुर में लोगों की जान बचाने और शांति बहाल करने की दिशा में लगातार काम कर रहे केंद्रीय सुरक्षा बलों, विशेष रूप से असम राइफल्स की भूमिका, इरादे पर सवाल उठाने के बार-बार और असफल प्रयास किए हैं.’’

सेना ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि मणिपुर में जमीन पर स्थिति की जटिल प्रकृति के कारण, विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच कभी-कभी मतभेद होते हैं. उसने कहा कि हालांकि, कार्यात्मक स्तर पर ऐसी सभी गलतफहमियों को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के प्रयासों में तालमेल बिठाने के लिए संयुक्त तंत्र के माध्यम से तुरंत दूर किया जाता है.

सेना ने कहा कि पिछले 24 घंटे में असम राइफल्स की छवि खराब करने के दो मामले सामने आए हैं. उसने कहा कि पहले मामले में, असम राइफल्स बटालियन ने दो समुदायों के बीच हिंसा को रोकने के उद्देश्य से ‘बफर जोन’ दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के एकीकृत मुख्यालय के आदेश के अनुसार सख्ती से काम किया.

सेना ने कहा कि दूसरे मामले में असम राइफल्स को एक क्षेत्र से बाहर ले जाया जाना उससे संबंधित तक नहीं है. बयान में कहा गया, ‘‘थलसेना और असम राइफल्स मणिपुर के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि हम पहले से ही अस्थिर माहौल में हिंसा को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के लिए अपने कार्यों में दृढ़ बने रहेंगे.’’ मणिपुर पुलिस ने पिछले हफ्ते दो समूहों के बीच विवाद के बाद असम राइफल्स पर पुलिस के वाहन को रोकने का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की है.

मणिपुर पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज करके असम राइफल्स पर पिछले सप्ताह दो समूहों के बीच विवाद के बाद उनके वाहन को रोकने का आरोप लगाया है. सुरक्षा सूत्रों ने हालांकि प्राथमिकी को न्याय का मखौल बताया और कहा कि असम राइफल्स कुकी और मैतेई क्षेत्रों के बीच ‘बफर जोन’ की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए कमान मुख्यालय द्वारा सौंपे गए कार्य को अंजाम दे रही थी. प्राथमिकी पांच अगस्त को दर्ज की गई थी जिसमें पुलिस ने आरोप लगाया था कि असम राइफल्स ने बिष्णुपुर जिले में क्वाक्टा गोथोल रोड पर पुलिस वाहनों को रोका.

असम राइफल्स पर क्या है आरोप

प्राथमिकी में दावा किया गया है कि असम राइफल्स ने उसके कर्मियों को तब आगे बढ़ने से रोक दिया जब राज्य पुलिस क्वाक्टा से लगे फोलजांग रोड पर कुकी उग्रवादियों की तलाश में हथियार अधिनियम मामले में तलाशी अभियान चलाने के लिए आगे बढ़ रही थी. पुलिस ने दावा किया कि उसके कर्मियों को 9 असम राइफल्स ने अपने ‘कैस्पर’ वाहन से सड़क अवरुद्ध करके उन्हें रोक दिया. रक्षा सूत्रों ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, असम राइफल्स कुकी और मेइती क्षेत्रों के बीच ‘बफर जोन’ की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए कमान मुख्यालय द्वारा सौंपे गए कार्य को अंजाम दे रहा था. इंफाल सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि सेना इस मुद्दे को राज्य सरकार के साथ उच्च स्तर पर मजबूती से उठा रही है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मणिपुर इकाई ने राज्य में तैनात असम राइफल्स को जनता के हित को ध्यान में रखते हुए हटाकर ‘‘किसी अन्य अर्धसैनिक बल की तैनाती करने’’ और यहां जारी जातीय अशांति का जल्द सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए हस्तक्षेप करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है. भाजपा की मणिपुर इकाई ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित एक ज्ञापन में कहा, ”जातीय हिंसा के संबंध में और राज्य में शांति बनाए रखने में असम राइफल्स की भूमिका काफी आलोचना की जा रही है और बल के खिलाफ लोगों में आक्रोष है.”

पार्टी ने कहा, ‘‘तीन मई को हिंसा के पहले दिन से ही असम राइफल्स राज्य में शांति बहाल करने के लिए तटस्थता बनाए रखने में विफल रहा है.” पार्टी इकाई ने कहा, ”राज्य में बेहद नाजुक हालात और संवेदनशील जातीय अशांति में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने के लिए असम राइफल्स के प्रति जनता का आक्रोष और विरोध लगातार देखा जा रहा है. लोगों ने असम राइफल्स पर हालात से निपटने में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया है.” पार्टी की मणिपुर इकाई अध्यक्ष ए. शारदा देवी और उपाध्यक्ष चिदानंद द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में हाल की घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें असम राइफल्स ने तीन नागरिकों की हत्या करने वाले उग्रवादियों का पीछा कर रही राज्य पुलिस के एक दल को कथित रूप से रोक दिया था.

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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