27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Dubai: पापा सलाम वालेकुम… ये मेरी आखिरी कॉल, क्या फांसी पर चढ़ जाएगी भारत की बेटी?

Dubai: अबू धाबी की जेल में बंद यूपी की शहजादी को फांसी की सजा सुनाई गई है. आखिरी कॉल में उसने परिवार से रोते हुए विदाई ली, परिजन मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Dubai: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी अबू धाबी की जेल में कैद है और उसे फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. हाल ही में उसने अपने माता-पिता को फोन किया, जिसे सुनकर पूरा परिवार गहरे सदमे में है. शहजादी ने फोन पर अपने पिता से बात की और कहा, “पापा, सलाम वालेकुम…” इसके बाद वह जोर-जोर से रोने लगी. घबराए हुए पिता ने उससे बार-बार पूछा कि आखिर हुआ क्या है. काफी देर तक पूछने के बाद उसने कहा, “पापा, ये मेरा आखिरी कॉल है. हमारा वक्त खत्म हो गया.”

उसकी मां की रोने की आवाजें भी फोन पर सुनाई दे रही थीं. मां ने कहा, “अल्लाह से दुआ कर रहे हैं बेटा, कुछ नहीं होगा, फिक्र मत कर.” लेकिन शहजादी ने जवाब दिया, “अब कुछ नहीं बचा, बस सब खत्म हो गया. पता नहीं दोबारा फोन कर पाऊंगी या नहीं. आप लोग अच्छे से रहना, किसी से दुश्मनी मत लेना.” परिवार को धीरज बंधाते हुए उसने कहा कि उसके लिए अब केस वापस ले लिया जाए, ताकि उसके पीछे कोई झंझट न रहे.

पिता की गुहार: “मेरी बेटी निर्दोष है, उसे बचा लो”

शहजादी के पिता शब्बीर खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी बेटी को निर्दोष होते हुए भी फांसी की सजा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि शहजादी जिस घर में काम कर रही थी, वहां एक छोटे बच्चे की अचानक मौत हो गई थी. परिवार ने उस पर हत्या का आरोप लगाया, जबकि असल में बच्चे की मौत टीका लगवाने के बाद बिगड़ी हालत के कारण हुई थी.उन्होंने बताया कि बिना किसी पोस्टमार्टम के बच्चे को दफना दिया गया और शहजादी को जबरन जुर्म कबूलने पर मजबूर किया गया. उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

मानव तस्करी का शिकार हुई शहजादी

2021 में आगरा के उजैर नामक व्यक्ति ने शहजादी को दुबई भेजा था. उसे यह कहकर बहलाया गया था कि वहां उसका चेहरा जलने के निशान का इलाज करवाया जाएगा और वह एक बेहतर जिंदगी जी सकेगी. लेकिन उसे घरेलू नौकर के रूप में बेच दिया गया. वह जिस परिवार में काम कर रही थी, वहां उसे काफी प्रताड़ित किया गया. जब उस घर के बच्चे की मौत हुई, तो आरोप सीधे उस पर लगा दिया गया.

सरकार से मदद की गुहार

शहजादी के पिता का कहना है कि उन्होंने कई जगह मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली. उन्होंने दिल्ली तक जाकर विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन से अपील की, लेकिन किसी ने उनकी बेटी की फांसी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. पिता ने रोते हुए कहा, “हमारी कोई औकात नहीं कि हम वहां जाकर केस लड़ सकें. हमें मदद चाहिए, हमारी बेटी निर्दोष है.” 

परिवार की आखिरी उम्मीद

अब परिवार केवल भारत सरकार और सामाजिक संगठनों से उम्मीद लगाए बैठा है कि उनकी बेटी को किसी भी तरह से बचाया जा सके. मां-बाप के लिए इससे बड़ा दुख और क्या हो सकता है कि उनकी बेटी दूसरे देश में फंसी हो और वे उसे आखिरी बार देखने तक न जा सकें. अब देखना यह है कि क्या सरकार कोई हस्तक्षेप करके इस निर्दोष लड़की की जिंदगी बचा पाएगी या नहीं.

इसे भी पढ़ें: Google और इंटरनेट पर सिर्फ एक गलत सर्च और सीधा जेल! जानिए कैसे?

इसे भी पढ़ें: नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़, 15 की मौत, 10 घायल, देखें वीडियो

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel