Indian States High Fertility Rate: भारत ने जनसंख्या के मामले में अब चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या अब 142.86 करोड़ तक पहुंच चुकी है. जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है. इस बढ़ती जनसंख्या के बीच कुछ राज्य इस पर चिंतित हैं और बच्चों की संख्या बढ़ाने की अपील कर रहे हैं. खासतौर पर, दक्षिण भारत के नेताओं ने दो या उससे अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया है, जिसके कारण देशभर में एक नई बहस छिड़ गई है.
दक्षिण भारत में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अपने बयानों में यह चिंता जताई है कि अगर अगले कुछ वर्षों में उत्तर और दक्षिण भारत के बीच जनसंख्या संतुलन नहीं बना, तो भविष्य में दक्षिण भारत के राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व घट सकता है और राष्ट्रीय निर्णयों में उनका प्रभाव भी कम हो सकता है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्रप्रदेश के गांवों में केवल बुजुर्ग लोग रह गए हैं, जबकि राज्य को कामकाजी उम्र के युवाओं की जरूरत है.उन्होंने इसे एक गंभीर समस्या बताया, जो वर्तमान में यूरोप, कोरिया और जापान जैसे देशों में देखने को मिल रही है, जहां प्रजनन दर कम हो गई है और जनसंख्या बूढ़ी होती जा रही है.
जनसंख्या में गिरावट के मिल रहे संकेत(Indian States High Fertility Rate)
भारत में 70 के दशक से परिवार नियोजन अभियान चलाए जा रहे थे, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर जोर दिया गया था. खासकर, दक्षिण भारत के राज्यों ने इन उपायों को पहले अपनाया था. तमिलनाडु ने 1993 में, आंध्रप्रदेश ने 2001 में और कर्नाटक ने 2005 में इस नीति को लागू किया था। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, अब देश में कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) 2.1 है, लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों में यह दर 1.75 से भी नीचे गिर चुकी है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो भविष्य में जनसंख्या में तेजी से गिरावट हो सकती है.
उत्तर प्रदेश और बिहार में बढ़ रही जनसंख्या
जहां दक्षिण भारत में जनसंख्या वृद्धि में कमी हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य बढ़ती जनसंख्या का सामना कर रहे हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, इन दोनों राज्यों में महिलाओं के द्वारा जन्मे बच्चों की संख्या सबसे अधिक रही है. उत्तर प्रदेश का प्रजनन दर 3.5 प्रतिशत और बिहार का 3.7 प्रतिशत था, जो देश के औसत से काफी अधिक है. विशेषज्ञों के अनुसार, 2011 से 2036 के बीच इन राज्यों की कुल जनसंख्या में 42 प्रतिशत तक वृद्धि होने का अनुमान है.
प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी पढ़ें: Babu Veer Kunwar Singh: आरा के नायक कुंवर सिंह की निराली थी प्रेम कहानी, जानें कैसे किया अंग्रेजों को पस्त