Jama Masjid: बीजेपी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के जमाल सिद्दीकी ने जामा मस्जिद के इमाम पद से मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने की मांग की है. सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि मोहिबुल्लाह नदवी ने अपनी पार्टी के काम के लिए मस्जिद परिसर का दुरुपयोग किया.
इमाम के रूप में नदवी को मिलती है 18 हजार रुपये की सैलरी
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा, “मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, जो रामपुर (उत्तर प्रदेश) से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद हैं, वर्तमान में दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत नई दिल्ली जामा मस्जिद (संसद मार्ग) के इमाम के रूप में कार्यरत हैं. इस पद के लिए उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड से लगभग 18,000 रुपये मासिक वेतन प्राप्त होता है. मेरी जानकारी के अनुसार, यह पद भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)(a) के तहत लाभ का पद माना जा सकता है. क्योंकि यह दिल्ली सरकार के अधीन एक वैधानिक निकाय द्वारा वित्तपोषित है और संसद (अयोग्यता निवारण) अधिनियम, 1959 के तहत छूट प्राप्त नहीं है. जैसा कि संविधान और संसदीय नियमों में स्पष्ट है, कोई सांसद ऐसा पद धारण नहीं कर सकता जो अयोग्यता का आधार बनता हो.”
Delhi | BJP National Minority Morcha Jamal Siddiqui writes to Lok Sabha Speaker Om Birla and Delhi CM Rekha Gupta to initiate an inquiry to ascertain if the post of Imam of Jama Masjid, Parliament Street, held by Samajwadi Party MP Mohibullah Nadvi under Delhi Wakf Board falls… pic.twitter.com/6yEepnDRqQ
— ANI (@ANI) July 24, 2025
इन बिंदुओं पर जांच की मांग की
दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत इमाम के पद की स्थिति की जांच करना, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लाभ का पद के दायरे में आता है या नहीं.
यदि यह पद लाभ का पद पाया जाता है, तो अनुच्छेद 103 के तहत निर्वाचन आयोग को इसकी जांच के लिए संदर्भित करना.
संविधान और लोकसभा नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई, जैसे अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू करना.
मुलिबुल्लाह नदवी ने मस्जिद को सपा का कैंप बना लिया है : जमाल सिद्दीकी
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में जमाल सिद्दीकी ने कहा, पार्लियामेंट मस्जिद, नई दिल्ली जिसके इमाम मुलिबुल्लाह नदवी हैं, जो कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और अब 2024 लोकसभा चुनाव जीत कर रामपुर से लोकसभा सांसद भी हैं. पार्लियामेंट मस्जिद दिल्ली वक्फ बोर्ड के मातहत आती है. इमाम के नाते नदवी को मस्जिद से इस्लाम धर्म का काम करना था, लेकिन यह समाजवादी पार्टी का खुले आम प्रचार-प्रसार करते हैं. लोकसभा सांसद बनने के बाद एक प्रकार से मस्जिद को सपा का कैंप बना लिया है.
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अखिलेश और डिंपल यादव के मस्जिद के अंदर प्रवेश पर भी उठाया सवाल
सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि 22 जुलाई 2025 को नदवी ने समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव और कई सांसद, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मस्जिद के अंदर, जहां नमाज अदा की जाती है, वहां पार्टी का बैठक किया. चाय नास्ता पार्टी भी किया. जो कि इस्लामी कानून और मस्जिद के आदर्श आचार संहिता के विरुद्ध है. मस्जिद के इमाम मुनिबुल्लाह नदवी, सांसद डिम्पल यादव को भी अंदर लेकर आए जब कि इस जगह पर महिला प्रवेश वर्जित है, मस्जिद में महिलाओं के लिए पहली मंजिल पर बैठने की जगह बनाई गई है. डिम्पल यादव जी का परिधान भी मस्जिद के नियमों के विरुद्ध था.”