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Karnataka Bandh: 22 मार्च को कर्नाटक बंद, स्कूल बंद रहेंगे या खुलेंगे?

Karnataka Bandh: कर्नाटक में 22 मार्च को बंद के चलते स्कूल और परीक्षाओं पर संकट मंडरा रहा है. ट्रांसपोर्ट सेवाएं ठप रहने से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स परेशान हैं, जबकि ऑनलाइन क्लास का विकल्प संभव है.

Karnataka Bandh: कर्नाटक में 22 मार्च को विभिन्न कन्नड़ संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया है, जिससे पैरेंट्स, स्टूडेंट्स और टीचर्स में चिंता का माहौल है. बंद के चलते स्कूल खुलेंगे या नहीं, इसे लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. बंद का मुख्य कारण ‘ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल’ के खिलाफ विरोध और बेलगावी में हुई एक घटना है. बेलगावी में कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NWKRTC) के एक बस कंडक्टर पर सिर्फ इस वजह से हमला किया गया क्योंकि उसने मराठी भाषा में बात नहीं की थी.

एग्जाम को लेकर असमंजस में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स

बंद के कारण सबसे ज्यादा चिंता स्कूलों और एग्जाम को लेकर हो रही है. इस समय कर्नाटक में सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SSLC) की परीक्षाएं चल रही हैं, जो 21 मार्च, शुक्रवार से शुरू हो रही हैं. हालांकि, बंद वाले दिन यानी 22 मार्च को कोई SSLC एग्जाम निर्धारित नहीं है, लेकिन कुछ स्कूलों में छोटी कक्षाओं के इंटरनल एग्जाम हैं, जिनके शेड्यूल पर बंद का असर पड़ सकता है.

‘एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ प्राइवेट अनएडेड स्कूल्स इन कर्नाटक’ ने पहले ही साफ कर दिया है कि बंद के बावजूद परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी. संगठन का कहना है कि एग्जाम को टालने से बच्चों का शेड्यूल बिगड़ सकता है, जिससे वे मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं.

नैतिक समर्थन देंगे लेकिन एग्जाम रद्द नहीं होंगे

प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट की ओर से डी शशि कुमार ने बताया कि वे इस बंद का नैतिक समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन एग्जाम को रद्द या आगे बढ़ाने का फैसला नहीं लेंगे. उनका मानना है कि परीक्षाओं को स्थगित करना छात्रों और पैरेंट्स के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, इसलिए परीक्षाएं तय समय पर ही आयोजित की जाएंगी.

ट्रांसपोर्ट सेवा पर असर, स्कूल पहुंचना होगा मुश्किल

बंद के कारण ट्रांसपोर्ट सेवाओं पर भारी असर पड़ने की संभावना है. ओला-उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की है, जिसका मतलब है कि उस दिन कैब सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी. इसके अलावा, बेंगलुरु के करीब 2 लाख ऑटो रिक्शा भी सड़कों पर नहीं उतरेंगे. इससे उन छात्रों को सबसे अधिक दिक्कत हो सकती है जो स्कूल आने-जाने के लिए ऑटो या कैब पर निर्भर हैं.

कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (KSRTC) की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बस सेवाएं चलेंगी या नहीं. अगर बस सेवाएं भी प्रभावित होती हैं, तो छात्रों के लिए स्कूल पहुंचना और भी मुश्किल हो सकता है.

ऑनलाइन क्लासेस का विकल्प भी हो सकता है

कई स्कूल फिलहाल ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति अपना रहे हैं. कुछ स्कूलों ने संभावना जताई है कि अगर बंद की स्थिति बिगड़ती है तो वे ऑनलाइन क्लासेस का विकल्प अपना सकते हैं या इंटरनल असेसमेंट की तारीख में बदलाव कर सकते हैं. इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी और वे सुरक्षित रहेंगे.

अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है

बंद को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि, पैरेंट्स और स्टूडेंट्स को सलाह दी जा रही है कि वे अपने-अपने स्कूलों से संपर्क बनाए रखें और किसी भी अपडेट के लिए सतर्क रहें. बंद के दौरान ट्रांसपोर्ट सेवाओं की कमी और सुरक्षा को लेकर भी सभी को सतर्क रहना चाहिए. कुल मिलाकर, 22 मार्च को होने वाले इस बंद से कर्नाटक के स्कूलों, परीक्षाओं और परिवहन व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है. सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि बंद के दिन हालात कैसे बनते हैं.

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Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

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