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Khadi: देश में खादी ने पहली बार 1.7 लाख करोड़ रुपये का कारोबार कर बनाया रिकॉर्ड

पिछले 11 साल में खादी अब केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण का प्रतीक बन चुकी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उत्पादन, बिक्री और नये रोजगार सृजन का नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले 11 साल में खादी के बिक्री में 447 फीसदी, उत्पादन में 347 फीसदी और रोजगार सृजन में 49.23 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

Khadi: देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है. इस मामले में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने खास उपलब्धि हासिल की है. पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के कारण पूज्य बापू की विरासत खादी अब केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण का प्रतीक बन चुकी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2024-25 के के दौरान उत्पादन, बिक्री और नये रोजगार सृजन का नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले 11 साल में खादी के बिक्री में 447 फीसदी, उत्पादन में 347 फीसदी और रोजगार सृजन में 49.23 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. 

करोड़ों कारीगरों के अथक मेहनत का परिणाम


सोमवार को केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी के प्रदर्शन के कारण वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने और भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में इसका अहम रोल होगा. उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन और देश के सुदूर गांवों में कार्यरत करोड़ों कारीगरों की अथक मेहनत को दिया. 

उन्होंने कहा  कि वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन जहां 26109.07 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह करीब चार गुना बढ़कर 347 फीसदी बढ़कर 116599.75 करोड़ रुपये पहुंच गया. यूपीए सरकार की बात करें तो वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31154.19 करोड़ रुपये थी, वहीं वह बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 170551.37 करोड़ रुपये हो गयी.  

महिला सशक्तिकरण को मिला है बढ़ावा


महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए केवीआईसी का योगदान अहम रहा है. पिछले 10 साल में  केवीआईसी के 18 विभागीय और 17 गैर-विभागीय प्रशिक्षण केंद्रों के जरिए 743904 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें 57.45 फीसदी महिलाएं हैं. इसके अलावा 5 लाख खादी कारीगरों में भी 80 फीसदी महिलाओं की भागीदारी रही. इस दौरान खादी कारीगरों की पारिश्रमिक में 275 फीसदी की वृद्धि हुई है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. वित्त वर्ष 2013-14 में इस क्षेत्र में 1.30 करोड़ लोग कार्यरत थे, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 1.94 करोड़ हो गया. ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने के मकसद से केवीआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के 25.65 करोड़ रुपये के बजट में 134 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में 60 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया. 

रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर मशीनों का वितरण

ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अभी तक 39244 विद्युत चालित चाक, 227049 मधुमक्खी बॉक्स और मधु कालोनी, 2344 ऑटोमैटिक और पैडल चालित अगरबत्ती निर्माण मशीन, 7735 फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग और रिपेयरिंग टूलकिट, 964 पेपर प्लेट और दोना निर्माण मशीन, 3494 एसी, मोबाइल, सिलाई, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर टूलकिट, 4555 टर्नवुड, वेस्टवुड क्रॉफ्ट, लकड़ी के खिलौने बनाने की मशीन, के साथ ही 2367 पामगुड़, तेल घानी और इमली प्रसंस्करण मशीन का वितरण किया गया है. पिछले तीन वित्त वर्षों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में कुल 22284, वित्त वर्ष 2023-24 में 29854 और वित्त वर्ष 2024-25 में सबसे अधिक 37218 मशीन और उपकरणों का वितरण किया गया है.

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