Kolkata Case: दक्षिण कोलकाता के क्सबा इलाके में स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस की जांच जारी है. मामले को और गहराई से समझने के लिए शुक्रवार को क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन के लिए आरोपियों को कॉलेज परिसर में लाया गया. इनमें मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (पूर्व छात्र) समेत कॉलेज के दो छात्र प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद एवं सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी भी शामिल हैं. रिकंस्ट्रक्शन की प्रक्रिया लगभग पांच घंटे तक चली. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘रिकंस्ट्रक्शन जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रक्रिया के निष्कर्ष को पीड़ित के बयानों और जुटाए गए सबूतों से क्रॉस-चेक किया जाएगा.’
क्या होता है क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन?
क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन वारदात को विस्तार रूप से समझने में मदद करती है. जांच में जुटाए गए बयानों और सबूतों की सहायता से घटना स्थल का पुनर्निर्माण किया जाता है, जिससे घटना क्रम को स्पष्ट रूप से स्थापित किया जा सके. प्रक्रिया के दौरान पुलिस के साथ फॉरेंसिक अधिकारी भी मौजूद होते हैं जो रिकंस्ट्रक्शन का विश्लेषण कर निष्कर्ष तैयार करते हैं.
इन्वेस्टिगेशन में पुनर्निर्माण हमेशा से रहा है महत्वपूर्ण
क्राइम इन्वेस्टिगेशन में घटना स्थल पुनर्निर्माण का इस्तेमाल कई मामलों में किया गया है. हत्या और दुष्कर्म से लेकर डकैती जैसे अपराधों की जांच में यह प्रक्रिया अहम होती है. हाल ही में हुए रजा रघुवंशी के मर्डर केस की जांच में क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन की सहायता ली गई. 2022 में घटित श्रद्धा वॉकर मर्डर के केस से लेकर 2024 के अहमदाबाद ऑनर किलिंग में भी घटना स्थल का पुनर्निर्माण किया गया था. अब कोलकाता गैंगरेप केस में इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है और दिल्ली डबल मर्डर केस की जांच में भी क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन किए जाने की संभावना है.