Mansoon Session: संसद के मॉनसून सत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी गतिरोध के कारण पिछले पांच दिनों से संसद के दोनों सदन का कामकाज बाधित है. विपक्ष की ओर से ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण जैसे मसले पर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है. हालांकि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए पहले ही समय निर्धारित कर चुकी है. दोनों सदन में इस मुद्दे पर 16 घंटे चर्चा होगी. सोमवार को लोकसभा में और मंगलवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होगी. सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने की मांग स्वीकार किए जाने के बावजूद विपक्ष की ओर से बिहार में एसआईआर को लेकर हंगामा जारी था.
संसद में गतिरोध दूर करने के लिए शुक्रवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि सोमवार से सदन की कार्यवाही सही तरीके से चलेगी. सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर बहस में हिस्सा लेंगे. ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहस में हस्तक्षेप कर सकते हैं. सरकार की कोशिश इस चर्चा के जरिये विपक्ष के कथित दोहरे मापदंड को उजागर करने पर होगी. सरकार यह बताने की कोशिश करेगी कि भारत अब किसी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा.
एसआईआर को लेकर विपक्ष ने किया प्रदर्शन
मानसून सत्र के पांचवें दिन भी विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के सांसद बिहार में एसआईआर के खिलाफ संसद के वेल में आकर हंगामा करने लगे. हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही को दो बजे और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया. आखिरकार पांच दिन के गतिरोध को आपसी सहमति से दूर कर लिया गया.
विपक्षी सांसदों के हंगामे पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष यह तय नहीं कर सकता कि सरकार की ओर से चर्चा में कौन शामिल होंगे. विपक्ष की ओर से कौन बोलेगा यह विपक्ष को तय करना है. हंगामे के कारण किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती है. विपक्ष को सदन संचालन में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए. सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि पिछले पांच दिनों से विपक्ष लगातार बिहार में एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा था. इसके कारण संसद का नियमित कामकाज नहीं हो पा रहा था.