Manipur News: मणिपुर के 6 जिलों में मैतेई ग्रुप के लोगों ने गुरुवार को कुल 104 हथियार और गोलाबारूद पुलिस को सौंपे. जिसमें कांगपोकपी, इम्फाल-पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, इम्फाल-पश्चिम और काकचिंग जिलों के लोग शामिल थे. हथियार और गोलाबारूद के साथ-साथ मैतेई ग्रुप ने जो भी सामना लूटे थे सभी को सरेंडर कर दिया. जिसमें सुरक्षाबलों के हेलमेट, वर्दी, जूते और जैकेट शामिल थे.
मणिपुर के राज्यपाल ने दिया था 7 दिनों का समय
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य की जनता से अपील की थी कि वे लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से 7 दिनों के भीतर पुलिस को सौंप दें. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि इस अवधि में हथियार सौंपने वालों के खिलाफ कोई भी एक्शन लिया जाएगा. मुख्य सचिव पी के सिंह ने 23 फरवरी को कहा था, अवधि समाप्त होने के बाद सुरक्षा बल अवैध हथियारों की जब्ती के लिए कार्रवाई करेंगे.
मैतेई ग्रुप ने अब तक के 246 हथियार और बड़ी संख्या में सामान किए सरेंडर
मैतेई ग्रुप ने अब तक अलग-अलग दिनों को मिलाकर कुल 246 हथियार सरेंडर कर दिए हैं. जिसमें 26 फरवरी को 7 जिले में सुरक्षा बलों को कुल 87 आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद सौंपा गया. सबसे अधिक हथियार इंफाल पश्चिम जिले में सौंपे गए. इनमें 12 कार्बाइन मशीन गन और मैगजीन, .303 की दो राइफल के साथ मैगजीन, दो एसएलआर राइफल और उसकी मैगजीन, 12 बोर ‘सिंगल बैरल’ की चार गन और एक आईईडी शामिल है. इससे पहले 25 फरवरी को तीन जिलों में कम से कम 15 आग्नेयास्त्र पुलिस को सौंप दिए गए. जिसमें इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई पुलिस थाने में एक एसएमसी कार्बाइन सहित एक मैगजीन और एक डबल बैरल गन, तीन हथगोले सहित चार आग्नेयास्त्रों को पुलिस को सौंप दिया गया.
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मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई थी जातीय हिंसा
इम्फाल घाटी में बसे मैतेई और पहाड़ी क्षेत्रों में बसे कुकी-जो समुदायों के बीच मई 2023 से शुरु हुई जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गये हैं. केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था. इससे कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिससे राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी.