Minor Girl Pleaded to stop Her Marriage: मध्य प्रदेश के दतिया जिले के भांडेर कस्बे की एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की ने जबरन हो रही अपनी शादी को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से मदद की गुहार लगाई. लड़की का कहना था कि वह अभी पढ़ना चाहती है और अपने सपने पूरे करना चाहती है, लेकिन कक्षा 9वीं में फेल हो जाने के बाद उसकी दादी और माता-पिता ने जबरदस्ती शादी तय कर दी थी. लड़की ने बताया कि उसकी बारात चार दिन बाद आने वाली थी और परिजनों ने उसकी आगे की पढ़ाई भी बंद करा दी थी.
मामला सामने आने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अरविंद कुमार उपाध्याय ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने तीन बार विभागीय टीम को गांव भेजा और अंततः विवाह रुकवा दिया. उन्होंने न केवल नाबालिग की शादी रुकवाई, बल्कि उसकी आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च भी अपने जिम्मे लेने की घोषणा की. डीपीओ ने बताया कि इस साल लड़की का स्कूल में दाखिला भी वे खुद कराएंगे और जब वह बालिग हो जाएगी, तब उसकी शादी की जिम्मेदारी भी वे निभाएंगे.
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11 मई को जब लड़की की बारात आने वाली थी, तब महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम गांव पहुंची, जिससे शादी रुक गई और बारात नहीं आई. नाबालिग की दादी को भी विभाग के कार्यालय बुलाकर समझाइश दी गई, जिसके बाद उन्होंने भी विवाह रोकने के लिए हामी भर दी. अब लड़की फिर से पढ़ाई शुरू करने को लेकर खुश है और उसे उम्मीद है कि वह अपने सपनों को पूरा कर सकेगी.
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