Mukhtar Ansari Shadow: मुख्तार अंसारी की मौत को लगभग एक साल बीत चुका है, लेकिन उसका ‘साया’ अब भी कई लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा. इस बार चर्चा में हैं केंद्रीय कारागार के पूर्व जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा, जिनकी चार दिनों में चार बार जेल बदल दी गई. फिलहाल, वे अब एटा जिला जेल में तैनात हैं.
मुख्तार अंसारी से जुड़ा विवाद
वीरेंद्र कुमार वर्मा बांदा जेल में उस समय जेलर थे जब मुख्तार अंसारी वहां निरुद्ध था. 1 अप्रैल 2023 को बांदा जेल में आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद हुई थीं और आरोप लगा था कि मुख्तार अंसारी को विशेष सुविधाएं दी जा रही थीं. इस मामले की जांच के बाद 14 जुलाई 2024 को वीरेंद्र वर्मा को निलंबित कर दिया गया. हालांकि, कुछ समय बाद उनकी बहाली हो गई और नवंबर 2024 में उन्हें केंद्रीय कारागार वाराणसी में तैनात कर दिया गया. तब तक यह मामला दब चुका था.
गाजीपुर में तैनाती और फिर हटाया गया
लेकिन विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ. गाजीपुर जिला जेल में मोबाइल बूथ चलाने को लेकर वहां के जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित किया गया. इसके बाद 16 मार्च 2025 को वीरेंद्र कुमार वर्मा को गाजीपुर जिला जेल में तैनात किया गया. 17 मार्च को उन्होंने गाजीपुर में कार्यभार ग्रहण कर लिया. लेकिन चूंकि गाजीपुर मुख्तार अंसारी का गृह जिला रहा है, इस तैनाती के बाद मुख्तार से जुड़े पुराने रिश्तों की चर्चा फिर से शुरू हो गई.
शासन का सख्त रुख – तुरंत तैनाती रद्द
मुख्तार अंसारी के नाम पर बढ़ते विवाद को देखते हुए शासन स्तर पर तुरंत कार्रवाई की गई. 19 मार्च को वीरेंद्र वर्मा की गाजीपुर जेल से तैनाती रद्द कर दी गई और उन्हें वापस वाराणसी जेल भेज दिया गया. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. इसके बाद वाराणसी जेल से भी उन्हें हटा दिया गया और नया आदेश आया कि 6 घंटे के भीतर एटा जिला जेल में पहुंचकर तत्काल कार्यभार संभालें.
अब एटा जेल में तैनाती, पूर्वांचल से दूर
अब वीरेंद्र वर्मा को पश्चिम उत्तर प्रदेश के एटा जिला जेल में तैनात कर दिया गया है. जेल सूत्रों का कहना है कि पूर्वांचल में राजनीति और बाहुबल के लिए चर्चित मुख्तार अंसारी के विरोधी खेमे ने ही वीरेंद्र वर्मा को पूर्वांचल से दूर भेजने का दबाव बनाया.
पूर्व में भी वाराणसी में रह चुके हैं तैनात
गौरतलब है कि वीरेंद्र कुमार वर्मा 2005-06 में भी वाराणसी में तैनात रह चुके हैं. हालांकि, मुख्तार अंसारी से जुड़े विवादों के कारण अब उन्हें पूर्वांचल की किसी भी जेल में तैनात नहीं करने का निर्णय लिया गया है और उन्हें एटा जेल भेजकर मुख्तार अंसारी की छवि से दूर रखा जा रहा है. जेल विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि मुख्तार का ‘साया’ अभी भी वीरेंद्र वर्मा का पीछा कर रहा है.
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