Mumbai Attacks: पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को गुरुवार शाम एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया. 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, “तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पित होना भारत सरकार और एजेंसियों की बहुत बड़ी उपलब्धि है. पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर किए गए इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी. इसलिए तहव्वुर राणा को जवाबदेह ठहराना बहुत जरूरी है. कई कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है. उससे पूछताछ और हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी की भूमिका का पता लगाने के बाद जांच पूरी होगी. उसने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी. पाकिस्तान की आईएसआई ने कैसे इस पूरे मामले को अंजाम दिया और कैसे उसने पाकिस्तानी सेना की मदद की, इस बारे में कई राज सामने आएंगे. पाक सेना के दो मेजर इस पूरे मामले को संभाल रहे थे. क्या यह सब आईएसआई को जानकारी दिए बिना हो रहा था? क्या आईएसआई यह सब सेना प्रमुख को जानकारी दिए बिना कर रही थी?”
भारत लाये जाने के बाद राणा का क्या होगा ?
भारत लाये जाने के बाद तहव्वुर राणा को पटियाला कोर्ट में पेश किया जाएगा. 26/11 हमलों के पीछे पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका का पता लगाने के लिए राणा को आगे की पूछताछ की खातिर उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद एनआईए की हिरासत में रखा जा सकता है. उससे पूछताछ से जांच में कुछ नया खुलासा हो सकता है.
तहव्वुर राणा से पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसका 26 नवम्बर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से कोई लेना-देना नहीं है. वह एक कनाडाई नागरिक है और उसने लगभग दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. तहव्वुर राणा का पाकिस्तान में 1961 में जन्म हुआ था और उसने पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कोर में सेवाएं दी थीं और इसके बाद वह 1990 के दशक में कनाडा चला गया, जहां उसे नागरिकता दी गई.