Mumbai Train Blasts Case: मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले के सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया और राज्य सरकार की अपील पर उनसे जवाब मांगा. पीठ ने कहा, ‘‘हमें सूचित किया गया है कि सभी प्रतिवादियों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें वापस जेल भेजने का कोई सवाल ही नहीं उठता. हालांकि,सॉलिसिटर जनरल द्वारा कानून संबंधी बिंदु पर प्रस्तुत दलीलों पर ध्यान देते हुए, हम इस बात के इच्छुक हैं कि संबंधित फैसले को मिसाल के रूप में नहीं जाएगा. इसे देखते हुए विवादित फैसले पर रोक रहेगी.’’
महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
महाराष्ट्र सरकार ने बंबई हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसका असर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत लंबित मुकदमों पर पड़ेगा.
बंबई हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी करने का सुनाया था फैसला
जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चांडक की विशेष पीठ ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है और ‘‘यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है.’’ विशेष अदालत ने इन 12 आरोपियों में से पांच को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. मौत की सजा पाने वाले एक दोषी की 2021 में मौत हो गयी थी.
मुंबई धमाके में गई थी 180 से अधिक लोगों की जान
मुंबई की लोकल ट्रेन में विभिन्न स्थानों पर 11 जुलाई 2006 को हुए सात विस्फोटों में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी.