National Herald: नेशनल हेराल्ड मामले में बुधवार को विशेष अदालत राउज एवेन्यू में सुनवाई हुई. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दलील पेश किया गया. अब इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं को आरोपी बनाया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अगर जांच एजेंसी को इस मामले में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो उसे भी आरोपी बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को आरोपी नहीं बनाया गया है. लेकिन भविष्य में पार्टी को आरोपी बनाने से जांच एजेंसी के अधिकार पर कोई रोक नहीं है. राजू ने अदालत को बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और उनके पुत्र लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड(एजेएल) की 2 हजार की संपत्ति हड़पने की साजिश में शामिल थे. एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी.
साजिश के तहत यंग इंडिया कंपनी बनायी गयी, जिसमें 76 फीसदी शेयरधारक सोनिया और राहुल गांधी हैं. कांग्रेस ने इसके लिए 90 करोड़ का लोन दिया और एजेएल की 2 हजार करोड़ की संपत्ति यंग इंडिया के नाम कर दी गयी. जांच एजेंसी ने कहा कि एजेएल को विज्ञापन भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर किया गया. इससे होने वाली आय अवैध है और यह धनशोधन का मामला है.
बड़ी संपत्ति होने के बाद भी एजेएल ने नहीं चुकाया कर्ज
एएसजी राजू ने कहा कि एजेएल मुनाफा नहीं कमा रही थी. लेकिन इसके पास लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति थी. खर्च चलाने के लिए एजेएल ने कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. पर इसे कभी चुकाया नहीं गया. किसी कंपनी के पास अगर हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हो तो वह आसानी से कर्ज चुका सकती है. लेकिन कर्ज नहीं चुकाने की पीछे की मंशा अलग थी.
कांग्रेस की मंशा एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्ति पर कब्जा करने की थी. जांच एजेंसी ने दावा किया कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में लोग सालों से फर्जी अग्रिम किराया जमा कर रहे थे. किराये की रसीद भी फर्जी थी. आरोप है कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पार्टी ने साजिश के तहत घाटे में चल रही एजेएल को कर्ज दिया और फिर यंग इंडिया नामक एक कंपनी बनाकर उस कर्ज के बहाने संपत्ति पर नियंत्रण हासिल कर लिया. सिर्फ 90 करोड़ के लोन के एवज में 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडिया को मिल गयी. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा की याचिका पर इस मामले की जांच शुरू हुई और इस मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है.