National Highway: आधुनिक राजमार्ग सिर्फ सड़कें नहीं हैं, प्रगति की जीवन रेखाएं हैं. यह लोगों, उद्योगों और अवसरों को जोड़ती है. रोड नेटवर्क का विस्तार के कारण आम लोगों को अधिक तीव्र, सुरक्षित और अधिक आरामदायक बन गयी है. राजमार्ग नेटवर्क वर्ष 2014 में 91 हजार किलोमीटर से बढ़कर मौजूदा समय में 1.46 लाख किलोमीटर से अधिक हो गया है. मौजूदा समय में भारत का सड़क नेटवर्क विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है. वर्ष 2013-14 और वर्ष 2024-25 के बीच सड़क की बुनियादी ढांचे पर सरकार का खर्च 6.4 गुना बढ़ गया है. सड़क परिवहन और राजमार्गों के लिए बजट आवंटन में वर्ष 2014 से वर्ष 2023-24 तक 57 फीसदी की वृद्धि देखी गई है, जो संपर्क, गतिशीलता और आर्थिक विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
शुक्रवार को दिल्ली में सड़क एवं राजमार्ग शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के कारण 45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार, 57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार तथा 532 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित हुए है. पिछले एक दशक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में 10 हजार किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का निर्माण किया गया है, जो इस क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
दिल्ली में ट्रैफिक को बेहतर बनाने का हो रहा है काम
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली के ट्रैफिक को बेहतर बनाने के लिए योजना बनायी गयी है. इसका मकसद शहर में यातायात की व्यवस्था को बेहतर बनाना, भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करना और शहर में संपर्क को बेहतर करना है. इस योजना में दिल्ली और हरियाणा में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे, अर्बन एक्सटेंशन रोड(यूईआर), दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे (एनई-5) का विस्तार, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अलीपुर के पास यूईआर का ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (एनएच-709बी) तक विस्तार, द्वारका एक्सप्रेसवे (शिव मूर्ति महिपालपुर के पास) से नेल्सन मंडेला मार्ग, वसंत कुंज तक एक सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है.
मंत्रालय वर्ष 2028-29 तक 700 से अधिक वेसाइड सुविधाएं (डब्ल्यूएसए) विकसित करने की प्रक्रिया में है, जिनमें स्वच्छ शौचालय, गुणवत्तापूर्ण भोजन, विश्राम क्षेत्र, ईंधन स्टेशन और ईवी चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध होंगे.
सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 14 हजार दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट को ठीक किया गया है. हरित राजमार्ग नीति और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहलों के साथ मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 4.78 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए हैं और लगभग 70 हजार पेड़ों को प्रत्यारोपित किया है. प्रमुख परियोजनाओं में 80 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरे के उपयोग सहित सतत निर्माण पद्धतियों को भी अपनाया है. इसके अलावा ताप विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली फ्लाई ऐश को राजमार्ग निर्माण में शामिल किया जा रहा है, जिससे कच्चे माल की आवश्यकता कम हो रही है और उत्सर्जन में कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत@ 2047 के विजन को हासिल करने में राजमार्गों की भूमिका अहम होगी.