NHRC: बिहार के पूर्णिया जिले में डायन के शक में आदिवासी समुदाय के पांच लोगों की हत्या के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी शामिल हो गया है. मीडिया में छपी रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए हत्या के मामले को मानवाधिकार हनन का गंभीर मामला माना है. आयोग का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट अगर सही है तो यह गंभीर चिंता का विषय है. ऐसे में आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में मामले का विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही आयोग की जांच की मौजूदा स्थिति और हत्या में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भी जवाब मांगा है.
आयोग ने बिहार सरकार को इस मामले का एकमात्र गवाह 16 साल के लड़के को काउंसिलिंग के साथ सुरक्षा मुहैया कराने का पूरा इंतजाम करने को कहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डायन के शक में 50 लोगों की भीड़ ने परिवार पर हमला कर दिया. इस हमले में महिला की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी और फिर परिवार के सदस्यों को मारा गया. इस हमले में किसी तरह एक बच्चा बचकर अपने संबंधी के घर पहुंचा और पुलिस से मामले की शिकायत की. इस शिकायत के बाद मामला सामने आया.
क्या है मामला
डायन होने का आरोप लगाकर एक ही परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसमें तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे. पूर्णिया के राजीगंज पंचायत के टेटगामा में इस दर्दनाक घटना को गांव के लोगों ने मृतक के पुत्र के सामने ही अंजाम दिया है. आरोप लगाया गया कि गांव में एक लड़के की मौत की वजह जादू-टोटका के कारण हुई है. इसके बाद गांव के लोगों ने 6 जुलाई की रात को आरोपी के घर पर हमला कर दिया. पहले आरोपी महिला को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया और फिर परिवार के अन्य सदस्यों की पिटाई की. इसके बाद पूरे परिवार को आग के हवाले कर दिया गया. घटना के बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने मामले की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया और पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया. मामला सामने आने के बाद विपक्षी दलों की ओर से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सवाल उठाया गया. गौरतलब है कि बिहार और झारखंड में डायन के शक में सबसे अधिक लोगों की मौत होती है.