Odisha Self-Immolation Case: कई दिनों तक जिंदगी से जूझने के बाद बालासोर की छात्रा ने दम तोड़ दिया. उसने आत्मदाह करने की कोशिश की थी. AIIMS भुवनेश्वर के बर्न सेंटर विभाग के अनुसार, “मरीज को IV फ्लूइड्स, IV एंटीबायोटिक्स देकर बचाने की कोशिश की गई, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. सांस लेने में मदद के लिए इंटुबेशन किया गया. बर्न्स ICU में पर्याप्त इलाज और सभी संभव सहायक प्रबंध किए गए. किडनी डायलिसिस (रिनल रिप्लेसमेंट थेरेपी) भी की गई थी. इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका और 14 जुलाई रात 11:46 बजे उसकी मौत हो गई.
‘बेटी पढ़ाओ, बेटी जलाओ’ हो गया है अब नारा: बीजेडी नेता स्नेहांगिनी छूरिया
बालासोर आत्मदाह मामले पर बीजेडी नेता स्नेहांगिनी छूरिया ने कहा, “बीजेडी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. हमने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की, क्योंकि राज्य में महिलाओं की स्थिति लगातार खराब हो रही है. बालासोर की घटना में किसी ने पीड़िता की बात नहीं सुनी, इसी कारण उसने आत्मदाह जैसा कदम उठाया. अब ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा ओडिशा में ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी जलाओ’ बन गया है.”
राष्ट्रपति ने घटना पर चिंता जताई
बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले पर बीजेडी नेता सुलता देव ने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि ओडिशा में महिलाओं और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं. अगर शिक्षा के मंदिरों में ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो फिर एक महिला कहां जाए. जब राष्ट्रपति को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने चिंता जताई.”
छात्रा ने क्यों खुद को आग लगा ली
20 वर्षीय छात्रा ने कथित रूप से कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता के कारण खुद को आग लगा ली. छात्रा का आरोप था कि कॉलेज के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया था, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. छात्रा की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री चरण मांझी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.