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ऑपरेशन सिंदूर के आगे झुका पाकिस्तान, राजस्थान के जैसलमेर में जश्न

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना की निर्णायक कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान ने जमीन, समुद्र और हवा में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई. जैसलमेर में इस ऐतिहासिक संघर्ष विराम का लोगों ने जश्न मनाया और पीएम मोदी की कूटनीति की सराहना की. यह कदम क्षेत्रीय शांति की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.

Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमलों के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर के आगे आखिरकार आतंकवादियों के पनाहगाह पाकिस्तान को झुकना ही पड़ा. महज चार दिनों की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान भारतीय सेना के अदम्य साहस के सामने नतमस्तक होते हुए अमेरिका की मध्यस्थता में संघर्ष विराम के लिए राजी हो गया. दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष विराम की घोषणा के बाद राजस्थान के सीमावर्ती इलाके जैसलमेर में जश्न का माहौल बना है. स्थानीय लोगों ने इस घटनाक्रम का जश्न मनाते हुए ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए.

सीमावर्ती इलाकों में खुशी की लहर

भारत और पाकिस्तान द्वारा जमीन, समुद्र और हवा में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताए जाने के बाद राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में लोगों ने इस ऐतिहासिक घटनाक्रम का जोरदार स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति की सराहना की.

जनता ने पीएम मोदी को बताया शांतिदूत

एक स्थानीय व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “यह पीएम मोदी की रणनीतिक कूटनीति का नतीजा है. पाकिस्तान डर गया था और उसे भारी नुकसान झेलना पड़ा. माता तनोट की कृपा से यहां कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. हम इस संघर्ष विराम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं.”

दोनों देशों से शांति की अपील

स्थानीय निवासी चंद्र प्रकाश ने कहा, “हम दोनों देशों में स्थायी शांति चाहते हैं. पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने भड़काने की कोशिश की, लेकिन भारत ने संयमित जवाब दिया. अब हमें शांति और संवाद की दिशा में बढ़ना चाहिए.”

भारत की तैयार सेना और जनसमर्थन

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “पाकिस्तान हमेशा धोखे से हमला करता है, लेकिन भारत हर बार जवाब देने के लिए तैयार रहता है. इस बार भी भारतीय सेना ने देश की रक्षा की और लोगों को सुरक्षित रखा. हम सेना का आभार प्रकट करते हैं.”

विदेश सचिव विक्रम मिस्री की पुष्टि

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया और 10 मई शाम 5 बजे से सभी सैन्य कार्रवाइयां रोकने पर सहमति बनी. मिस्री ने कहा कि डीजीएमओ स्तर की अगली बातचीत 12 मई को दोपहर में होगी.

संघर्ष विराम के पीछे की राजनयिक प्रक्रिया

मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा, “पाकिस्तान की हालिया कार्रवाइयां उकसावे वाली थीं, लेकिन भारत ने संयम और समझदारी से जवाब दिया. यह युद्ध नहीं, बल्कि आत्मरक्षा का नमूना था.”

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के जवाब में 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया. इसमें पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसके बाद पाकिस्तान ने बिना उकसावे के ड्रोन और आर्टिलरी से हमले किए.

सेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के 26 से अधिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. भारत ने आत्मरक्षा में ठोस और सीमित जवाबी कार्रवाई की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “भारत आतंकवाद के खिलाफ अडिग है और रहेगा.”

पाकिस्तान और अमेरिका की भूमिका

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी संघर्ष विराम की पुष्टि की और कहा कि पाकिस्तान शांति का पक्षधर है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि भारत और पाकिस्तान तटस्थ स्थल पर व्यापक वार्ता के लिए सहमत हुए हैं. उन्होंने दोनों देशों के नेताओं की राजनीतिक दूरदर्शिता की प्रशंसा की.

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क्षेत्रीय शांति की दिशा में बड़ा कदम

यह संघर्ष विराम भारत-पाक संबंधों के लिए एक सकारात्मक मोड़ हो सकता है. जैसलमेर की जनता की प्रतिक्रिया बताती है कि लोग शांति और स्थायित्व के लिए सरकार की हर पहल का समर्थन करते हैं. पीएम मोदी की रणनीति और सेना की तत्परता ने एक बार फिर देश की सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखा है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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