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पाकिस्तान ने नीदरलैंड से चुराई परमाणु तकनीक पर भारत से बघार रहा शेखी, ये है पूरी सच्चाई

Nuclear Technology: पाकिस्तान ने नीदरलैंड से परमाणु तकनीक चुराई, जर्मनी के डिजाइन पर बम बनाए और उत्तर कोरिया को बेचे. अब वही पाकिस्तान भारत को परमाणु धमकी दे रहा है. पाकिस्तान के परमाणु बमों की संख्या, ठिकाने, लागत और उनके पीछे की असली कहानी क्या है. आइए, जानते हैं.

Nuclear Technology: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान भारत को ‘परमाणु बम’ की धमकी देता दिखाई दे रहा है. हालांकि, उसकी इस धमकी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2025 को राष्ट्र के नाम संबोधन में कड़ा संदेश दे दिया है. लेकिन, पाकिस्तान की नई पीढ़ी के नेताओं और युवाओं को यह पता होना चाहिए कि उसके पास जितने भी परमाणु बम हैं, उसकी तकनीक को पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कादिर खान ने नीदरलैंड से चुराई थी. दिलचस्प बात यह है कि डॉ खान ने उस तकनीक को नीदरलैंड से चुराई और पाकिस्तान ने उसे उत्तर कोरिया के हाथों बेच भी दिया. चोरी की परमाणु तकनीक पर अब पाकिस्तान भारत के सामने शेखी बघार रहा है.

नीदरलैंड की तकनीक और जर्मनी के डिजाइन पर बनाया परमाणु बम

बीबीसी हिंदी की 19 मार्च 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पाकिस्तान ने साल 1970 के दशक में अपने परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत की. इसका नेतृत्व डॉ अब्दुल कादिर खान कर रहे थे.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ अब्दुल कादिर खान ने पाकिस्तान में परमाणु बम बनाने के लिए नीदरलैंड से सेंट्रीफ्यूज तकनीक की चोरी की. इसके बाद जर्मनी के डिजाइन पर आधारित प्रोटोटाइप परमाणु बम बनाए.

प्रोटोटाइप परमाणु बम क्या है?

प्रोटोटाइप परमाणु बम का एक शुरुआती डिजाइन या मॉडल होता है, जिसे परमाणु हथियार के सिद्धांतों और तकनीकी इस्तेमाल को परखने के लिए बनाया जाता है. यह पूर्ण विकसित, तैनाती-योग्य परमाणु हथियार से कम परिष्कृत हो सकता है और इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अनुसंधान, विकास और परीक्षण के लिए किया जाता है. प्रोटोटाइप का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजाइन सही ढंग से काम करता है, विस्फोट की शक्ति अपेक्षित है और इसे वास्तविक परमाणु हथियार के रूप में उत्पादन किया जा सकता है.

पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम

SIPRI 2024 और बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 तक पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार (वॉरहेड) हैं. यह संख्या भारत के 172 हथियारों से थोड़ी कम है. पाकिस्तान के मंत्री हनीफ अब्बासी ने 27 अप्रैल 2025 को दावा किया कि उनके पास 130 परमाणु हथियार हैं, जो भारत के लिए रिजर्व हैं. यह संख्या शायद कम करके बताई गई है.

पाकिस्तान कहां रखता है अपना परमाणु बम

बीबीसी ने अपने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है, ‘व्यावसायिक सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि पाकिस्तान के पास कम से कम पांच परमाणु-सक्षम मिसाइल बेस हैं.’ एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को सरगोधा एयर बेस से 10 किमी दूर सरगोधा वेपन स्टोरेज कॉम्प्लेक्स और वाह क्षेत्र में ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों के भूमिगत बंकर में रखता है.

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विदेशी कर्ज से अधिक परमाणु हथियारों की लागत

नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कुल कीमत 4455 करोड़ डॉलर है, जो उसके विदेशी कर्ज 2740 करोड़ डॉलर से अधिक है. अगर परमाणु हथियारों की कुल कीमत 4455 करोड़ डॉलर है, तो यह उसके कर्ज से अधिक है. इसका अर्थ है कि अगर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार बेच दे, तो वह अपना विदेशी कर्ज चुकता कर सकता है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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