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Parliament: बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 118 फीसदी और राज्यसभा में 119 फीसदी हुआ काम

बजट सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 118 फीसदी रही. वहीं राज्य सभा में 119 फीसदी काम किया गया. शून्यकाल के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा लोक महत्व के मुद्दे को उठाने का रिकॉर्ड लोकसभा में बना, तो तीन अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए राज्यसभा का कामकाज सुबह 11 बजे शुरू हुआ और अगले दिन सुबह 4 बजे तक चलता रहा. भारतीय संसदीय इतिहास में यह भी एक रिकॉर्ड ही है.

Parliament: बजट सत्र का समापन शुक्रवार को हो गया. बजट सत्र के दौरान 26 बैठकें हुई जो लगभग 160 घंटे 48 मिनट तक चली.  इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 118 फीसदी रही. राष्ट्रपति ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदन को संबोधित किया और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 17 घंटे 23 मिनट तक चली और इसमें 173 सदस्यों ने भाग लिया. वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025-2026 पेश किया.


केंद्रीय बजट 2025-26 पर 16 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई. इस चर्चा में 169 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने 11 फरवरी को चर्चा का उत्तर दिया. 17 से 21 मार्च तक मंत्रालयों, विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा होने के बाद इसे पारित किया गया. लोक सभा में 21 मार्च को विनियोग विधेयक और 25 मार्च को वित्त विधेयक पारित किया गया. इस सत्र में 10 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और 16 विधेयक पारित किए गए. जिसमें वित्त विधेयक, विनियोग विधेयक, त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, वक्फ (संशोधन) विधेयक, अप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक जैसे कई विधेयक पारित किए गए. 

एक दिन में  शून्यकाल के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दे का बना रिकॉर्ड

बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 134 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. शून्य काल के दौरान सदस्यों ने लोक महत्व के कुल 691 मामले उठाए. 3 अप्रैल को लोक महत्व के 202 मामले उठाए गए जो अभी तक किसी भी लोक सभा में एक दिन में शून्य काल के दौरान उठाए जाने वाले लोक महत्व के मामलों की रिकॉर्ड संख्या है. सत्र के दौरान नियम 377 के अधीन कुल 566 मामले और 32 वक्तव्य दिए गए. सत्र के दौरान विभागों से सम्बद्ध स्थायी समितियों द्वारा 61 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए तथा सभा पटल पर 2518 पत्र रखे गए. मछुआरा समुदाय के समक्ष आ  रही कठिनाइयों पर नियम 197 के अधीन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर एक अप्रैल को चर्चा की गयी. 

राज्यसभा में बना बहस का रिकॉर्ड

राज्यसभा में बजट सत्र की समाप्ति के मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा हुई. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर तीन दिनों तक हुई चर्चा में 73 सदस्य शामिल हुए. केंद्रीय बजट 2025-26 पर भी तीन दिन तक चर्चा में 89 सदस्यों ने शिरकत की. इस दौरान चार रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा की गयी. सत्र में 49 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया. बजट सत्र के दौरान 159 घंटे काम हुआ और सदन की उत्पादकता 118 फीसदी रही. 

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 3 अप्रैल की चर्चा करना जरूरी है. भारतीय संसदीय इतिहास में राज्यसभा का कामकाज 11 बजे शुरू हुआ और अगले दिन सुबह 4 बजे तक चलता रहा. इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर मैराथन चर्चा हुई और इसे  पारित किया गया. वक्फ संशोधन विधेयक से वक्फ संपत्ति के प्रबंधन में पारदर्शिता आयेगी. यह सत्र भारत के संसदीय यात्रा के लिए सबक है कि संवाद से कुछ भी हासिल हो सकता है. राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए. 

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