Parliament Monsoon Session : मानसून सत्र के दूसरे दिन भी सदन में विपक्ष का हंगामा देखने को मिल रहा है. लोकसभा में मंगलवार को विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. दोबारा सद की कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा जारी रहा. इसके बाद कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. मानसून सत्र के दूसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे. उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया.
राज्यसभा की बैठक दोपहर 2 बजे तक स्थगित
विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक मंगलवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें, नियत कामकाज स्थगित कर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए सदस्यों की ओर से कुछ नोटिस मिले हैं. हरिवंश ने कहा कि नोटिस यथोचित न पाए जाने की वजह से अस्वीकार कर दिए गए हैं.
एसआईआर के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. संसद के ‘मकर द्वार’ के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा और मीसा भारती तथा कई अन्य सांसद शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने ‘नहीं चलेगा-नहीं चलेगा, एसआईआर नहीं चलेगा’ और ‘वोटबंदी बंद करो’ के नारे लगाए. कई सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर एसआईआर के विरोध में नारे लिखे हुए थे.