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Railway: पिछले 11 साल में बिहार के रेलवे बजट में हुई 9 गुणा वृद्धि

बिहार में वर्ष 2009-14 के दौरान बिहार के लिए रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सालाना 1132 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया जो वर्ष 2025-26 में 9 गुणा बढ़कर 10066 करोड़ रुपये हो गया. रेलवे मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2009-14 के दौरान औसत हर साल 63.6 किलोमीटर के दर से बिहार में 318 किलोमीटर नये रेलवे ट्रैक का विकास किया गया, जबकि वर्ष 2014-25 के दौरान राज्य में हर साल 172.6 किलोमीटर नये रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया और यह कुल 1899 किलोमीटर रहा. यूपीए सरकार के मुकाबले मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बिहार में 2.5 गुणा अधिक नया रेलवे ट्रैक बनाया गया.

Railway: बिहार के विकास को प्राथमिकता देते हुए रेलवे की ओर से राज्य में हाल में कई योजनाओं पर काम चल रहा है. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार बनने के बाद बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति मिली है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2009-14 के दौरान बिहार के लिए रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सालाना 1132 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया जो वर्ष 2025-26 में 9 गुणा बढ़कर 10066 करोड़ रुपये हो गया.

रेल मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2009-14 के दौरान औसत हर साल 63.6 किलोमीटर के दर से बिहार में 318 किलोमीटर नये रेलवे ट्रैक का विकास किया गया, जबकि वर्ष 2014-25 के दौरान राज्य में हर साल 172.6 किलोमीटर नये रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया और यह कुल 1899 किलोमीटर रहा. यूपीए सरकार के मुकाबले मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बिहार में 2.5 गुणा अधिक नया रेलवे ट्रैक बनाया गया. केंद्र सरकार की कोशिश राज्य के हर कोने में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है ताकि राज्य के आर्थिक विकास को गति मिल सके.

मौजूदा समय में रेलवे की ओर से कई रेल प्रोजेक्ट को पूरा किया गया है. मुंगेर में गंगा नदी पर 19 किलोमीटर लंबा पुल 2774 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है. इसके अलावा कोसी नदी पर 516 करोड़ रुपये की लागत से 22 किलोमीटर लंबा पुल, पटना में 3555 करोड़ रुपये की लागत से 40 किलोमीटर लंबा पुल, हाजीपुर-बछवारा, किऊल-गया के बीच रेलवे का दोहरीकरण सहित कई अहम प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है. इन परियोजनाओं में कई अहम पुलों का निर्माण शामिल है और इसके लिए आईआईटी के विशेषज्ञों की सलाह भी ली गयी है. 

कई नयी योजनाओं पर जल्द शुरू होगा काम

बिहार के विकास के लिए जल्द ही कई रेल योजनाओं पर काम शुरू होने वाला है. इस योजना के तहत सीतामढ़ी-शिवहर के बीच 567 करोड़ रुपये की लागत से नयी रेल लाइन का विकास, सकरी-हाजीपुर, खगड़िया-कुशेश्वर स्थान, कोडरमा-तिलैया, अररिया-सुपौल, हाजीपुर-सुगौली, विक्रमशिला-कटेरिया, पीरपैंती-जसीडीह के अलावा कई रेल लाइन के दोहरीकरण करने की योजना है. रेलवे प्रोजेक्ट के सर्वे का जोनल रेलवे की ओर से किया जाता है और कई प्रोजेक्ट दूसरे राज्यों से भी जुड़े होते हैं. रेलवे प्रोजेक्ट की मंजूरी में कई कारकों जैसे आर्थिक विकास, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और ट्रैफिक को कम करने के कारण होते हैं. 

रेल मंत्रालय के अनुसार एक अप्रैल 2025 तक बिहार में 52 प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जिसमें 31 नयी लाइन का विकास, 20 लाइनों का दोहरीकरण का प्रोजेक्ट है. इन योजनाओं पर लगभग 86 हजार करोड़ रुपये से अधिक के खर्च होने का अनुमान है. इसके अलावा बिहार में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय से किऊल के बीच तीसरी और चौथी लाइन के विकास के लिए सर्वे का काम हो रहा है. इसके अलावा छपरा-कटिहार, बिहटा-औरंगाबाद, भागलपुर-जमालपुर, फतुहा-बख्तियारपुर के बीच अतिरिक्त रेल लाइन के विकास से जुड़ा हुआ है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी.

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