Railway: संस्थागत भागीदारी और कर्मचारी कल्याण के तहत उत्तर रेलवे और भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) के बीच विशेष सैलरी पैकेज अकाउंट को लेकर एक समझौता किया गया था, जिसके तहत कर्मचारियों की किसी दुर्घटना या आकस्मिक मृत्यु पर एसबीआई की ओर से एक करोड़ रुपये बीमा के रूप में देने का प्रावधान रखा गया. यह पहल 2 जनवरी, 2025 को उत्तर रेलवे और एसबीआई दिल्ली सर्कल के बीच हस्ताक्षरित रेलवे वेतन पैकेज समझौते के तहत किया गया. संस्थागत भागीदारी और कर्मचारी कल्याण उपायों की ताकत को उजागर करने वाले एक मार्मिक क्षण में, उत्तर रेलवे और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने संयुक्त रूप से मुरादाबाद मंडल के एक मृतक लोको पायलट के परिवार को एक करोड़ का चेक सौंपा. यह राशि एसबीआई के रेलवे वेतन पैकेज के तहत व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (पीएआई) दावे के हिस्से के रूप में दिया गया.
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि रेलवे की कोशिश कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखना है. कर्मचारियों के हित को देखते हुए यह पहल शुरू की गयी है, ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में परिवार को बीमा के आर्थिक सहायता मिल सके.
कर्मचारियों के बीच जागरूकता की जरूरत
चेक देने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर रेलवे और एसबीआई दोनों के अधिकारियों ने कर्मचारी कल्याण के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता और किसी आपदा के समय परिवारों के साथ खड़े होने के महत्व पर जोर दिया. दिवंगत लोको पायलट एसबीआई के रेलवे वेतन पैकेज-डायमंड वैरिएंट के तहत खाताधारक था, जिसमें रेलवे कर्मियों के लिए बीमा कवरेज शामिल है. दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद एसबीआई ने उत्तर रेलवे के साथ समन्वय करके यह सुनिश्चित किया कि बीमा दावे को तेजी से संसाधित किया जाए और बिना देरी के परिवार को सौंप दिया जाए. इस संबंध में मुरादाबाद मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी और एसबीआई शाखा प्रबंधक रेलवे स्टेशन रोड मुरादाबाद के प्रयास उल्लेखनीय हैं.
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा एसबीआई दिल्ली सर्कल के महाप्रबंधक, वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों, एसबीआई प्रतिनिधियों और मृतक के परिवार की उपस्थिति में औपचारिक रूप से चेक प्रदान किया गया. गौरतलब है कि विशेष सैलरी पैकेज योजना का मकसद कठिन समय में कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक मदद देना है. यदि कोई कर्मचारी ड्यूटी के दौरान हादसे में अपनी जान गंवाता है, तो उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये की बीमा राशि दी जाती है. यह राशि सामान्य समापन भुगतान और अनुग्रह राशि से अलग होती है. इस योजना के तहत कर्मचारी को कोई अंशदान नहीं देना होता है. हालांकि यह योजना स्वैच्छिक है, लेकिन रेलवे की कोशिश है कि सभी कर्मचारी इस योजना के प्रति जागरूक हों ताकि आपात हालात में परिवार को आर्थिक मदद मिल सके.