Ratan Thiyam Death: मशहूर नाटककार रतन थियम लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मंगलवार देर रात लगभग डेढ़ बजे क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका निधन हो गया. मणिपुर सरकार ने थियम के निधन पर शोक व्यक्त किया. सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘हम ‘पद्मश्री’ पुरस्कार विजेता और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता रतन थियम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं, जो भारतीय रंगमंच की एक प्रमुख हस्ती और मणिपुर के सांस्कृतिक प्रतीक थे.’’ ‘‘हम कला जगत और राष्ट्र के साथ मिलकर उनकी असाधारण विरासत को याद करते हैं. उनके परिवार, शिष्यों और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना जताते हैं.’’
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी थियम के निधन पर जताया दुख
पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी थियम के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके कार्यों में मणिपुर की आत्मा बसती थी. सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं गहरे दुख के साथ भारतीय रंगमंच के एक सच्चे प्रकाशपुंज और मणिपुर के एक सम्मानित सपूत रतन थियम के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘अपनी कला के प्रति उनके अटूट समर्पण, उनकी दूरदर्शिता और मणिपुरी संस्कृति के प्रति उनके प्रेम ने न केवल रंगमंच की दुनिया को बल्कि हमारी पहचान को भी समृद्ध किया. उनके काम में मणिपुर की आत्मा बसती है…’’
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1989 में पद्मश्री से सम्मानित हुए थे थियम
मशहूर नाटककार रतन थियम को साल 1989 में ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें पारंपरिक मणिपुरी कला को समकालीन कला, नवाचार और काव्यात्मक कथाओं के साथ मिलाकर नए स्वरूप में पेश करने के लिए जाना जाता था.
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक भी थे रतन थियम
इंफाल के ‘कोरस रिपर्टरी थिएटर’ के संस्थापक रतन थियम ने 1987 से 1988 तक नयी दिल्ली स्थित ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ के निदेशक के रूप में भी कार्य किया.