Renewable Energy: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की एशिया -प्रशांत क्षेत्र के लिए सातवीं क्षेत्रीय समिति की बैठक(आरसीएम)15 से 17 जुलाई 2025 तक कोलंबो में होगी. यह महत्वपूर्ण बैठक सरकारी अधिकारियों, तकनीकी विश्वविद्यालयों, विषय के विशेषज्ञों, संस्थागत भागीदारों और निजी क्षेत्र के अग्रणियों को इस गतिशील और विविध क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपभोग को बढ़ाने के लिए एक समन्वित और रणनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ लाएगी. विविधता और अवसर के क्षेत्र में सौर सहयोग को आगे बढ़ाने के थीम के साथ यह बैठक वैश्विक सौर ऊर्जा के उपभोग में एशिया-प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी) के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए रणनीतिक संवाद, ज्ञान के आदान-प्रदान और कार्रवाई-उन्मुख परिणामों पर चर्चा की जाएगी.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन एक वैश्विक पहल है जिसे 2015 में भारत और फ्रांस ने पेरिस में कॉप 21 में शुरू किया था. इसके 123 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश हैं. यह गठबंधन दुनिया भर में ऊर्जा की पहुंच और सुरक्षा को बेहतर बनाने और जीरो कार्बन भविष्य के लिए सौर ऊर्जा को एक स्थायी साधन के रूप में बढ़ावा देने के लिए सरकारों के साथ काम करता है.आईएसए का मिशन 2030 तक सौर ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देना है, साथ ही प्रौद्योगिकी और वित्तीय लागत को कम करना है. यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है.
सदस्य देशों के बीच समन्वय का लक्ष्य
आईएसए की क्षेत्रीय समितियां प्रत्येक साल बैठक करती हैं. इसका उद्देश्य आईएसए के कार्यक्रम संबंधी समर्थन, प्रमुख पहलों, साझेदारियों, निजी क्षेत्र की भागीदारी और क्षेत्र के लिए कार्य योजना से संबंधित प्रगति, चुनौतियों और अवसरों का आकलन और चर्चा करना है. क्षेत्रीय समिति की बैठकों का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच सुचारू समन्वय है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वर्तमान में 28 सदस्य देश, 30 हस्ताक्षरकर्ता देश और 24 संभावित देश शामिल हैं. इससे क्षेत्र में आईएसए गतिविधियों में लगे देशों की कुल संख्या 54 हो गई है. यह बढ़ता हुआ क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सहयोगी, सौर पहलों को आगे बढ़ाने और बहुपक्षीय जुड़ाव को गहरा करने के लिए एक मजबूत आधार को दर्शाता है.
सौर संचालित भविष्य की दिशा में मिलेगी मदद
स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य को आकार देने में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए आईएसए के महानिदेशक आशीष खन्ना ने कहा, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के केंद्र में है. कोलंबो में क्षेत्रीय समिति की बैठक व्यावहारिक, निवेश-तैयार समाधान विकसित करने का एक अवसर है. इसमें विभिन्न देशों सहित प्रौद्योगिकियों में विस्तार की संभावना है. चाहे वह एसआईडीएस के लिए क्षेत्रीय समेकित सौर ऊर्जा प्लेटफ़ॉर्म विकसित करना हो, देशों के बीच क्षेत्रीय अंतर्संबंधों को सक्षम करना हो, सौर और डिजिटल इनोवेशन के एकीकरण के लिए एशियाई संस्थानों का विस्तार करना हो या ग्रीन हाइड्रोजन और भंडारण जैसी नई प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करना हो, यह बैठक साझेदारी और स्थानीय नेतृत्व पर आधारित सौर-संचालित भविष्य की दिशा में एक मार्ग तैयार करने में मदद करेगी.”
आईएसए का लक्ष्य जीवन को बदलना, दुनिया भर के समुदायों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती ऊर्जा प्रदान करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है. 6 दिसंबर 2017 को 15 देशों ने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और इसकी पुष्टि की जिससे आईएसए भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बना.