India Russia on S-400: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हथियारों को पस्त करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की बची हुई खेप जल्द ही भारत को मिल जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ शहर में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ एस-400 और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू बेड़े को लेकर बात की. एयर डिफेंस सिस्टम S-400 के बचे हुए दो खेप की शीघ्र आपूर्ति पर प्रमुखता से चर्चा हुई. भारतीय वायुसेना करीब 260 सुखोई 30-एमकेआई लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है और वह एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत बेड़े का अपग्रेड करने पर विचार कर रही है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी मंत्री से की चर्चा
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि राजनाथ सिंह और बेलौसोव ने मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति, सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की. रूस के रक्षा मंत्री ने भारत-रूस के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के साथ एकजुटता की बात कही. रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा ‘‘एस-400 की सप्लाई, सुखोई-30 एमकेआई के अपग्रेड और शीघ्रता से अहम सैन्य साजो-सामान की खरीद पर बैठक में प्रमुखता से चर्चा हुई.’’
S-400 की बची हुई खेप जल्द देने पर बात
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेलौसोव के साथ बातचीत में राजनाथ सिंह ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की दो बची हुई खेप की सप्लाई में तेजी लाने पर जोर दिया है. रूस पहले ही 5.5 अरब डॉलर के सौदे के तहत भारत को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली की तीन इकाइयां आपूर्ति कर चुका है.
ऑपरेशन सिंदूर में दिखा था दम
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 7 से 10 मई तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना ने इस मिसाइल प्रणालियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था. एस-400 के हर एक स्क्वाड्रन में दो मिसाइल बैटरियां होती हैं, जिनमें 128 मिसाइलें शामिल होती हैं. ये मिसाइलें 120, 200, 250 और 380 किलोमीटर तक मार कर सकती है. भारतीय वायुसेना ने पहले तीन एस-400 स्क्वाड्रन को चीन और पाकिस्तान के खिलाफ अपने उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में तैनात किया है.