Sawan 2025 : छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की अपार संभावनाओं से भरा हुआ है. यहां कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन सबसे खास है माधेश्वर महादेव पहाड़. इस पहाड़ को विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है. स्थानीय लोग इस पर्वत की दशकों से पूजा करते आ रहे हैं, जिससे यह धार्मिक आस्था का केंद्र बन गया है. यह दूर से ही लोगों को नजर आ जाता है. इसपर बड़ा सा ऊं नम: शिवाय भी लिखा हुआ है. सावन के महीने में दूर दूर से लोग यहां पूजा करने पहुंचते हैं.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कर रहे हैं खास प्रयास
कुनकुरी विकासखंड के मयाली गांव में स्थित माधेश्वर महादेव के दर्शन कई किलोमीटर दूर से किए जा सकते हैं. अब इसे पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए विधायक और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ओर से प्रयास जारी हैं. यहां समय–समय पर कई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. सीएम खुद इसी जिले से आते हैं. उनका गांव बगिया है जो जशपुर जिले में ही है. स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसके विकास और सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इससे यह स्थल धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टि से विकसित हो सकेगा.
पर्वत के नीचे एक विशाल गुफा भी है
कुनकुरी विकासखंड मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर मयाली गांव है. यहां स्थित माधेश्वर महादेव कटनी-गुमला नेशनल हाईवे और बतौली-चरईडांड़ स्टेट हाईवे के पास स्थित है. इस विशाल पर्वत की आकृति शिवलिंग जैसी है, जिसे स्थानीय आदिवासी और अन्य समाज के लोग वर्षों से महादेव का प्रतीक मानकर पूजते आ रहे हैं. पर्वत के नीचे एक विशाल गुफा भी स्थित है, जिसकी गहराई आज तक कोई नहीं नाप पाया. मान्यता है कि इसी गुफा में स्वयं महादेव निवास करते हैं, जिससे यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है.
शिवलिंग के सामने एक सुंदर जलाशय भी है
विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के सामने एक सुंदर जलाशय भी स्थित है. वर्षों से इसके सौंदर्यीकरण की मांग की जा रही थी, जिसे अब मुख्यमंत्री ने पूरा किया है. स्थानीय लोगों का मानना है कि माधेश्वर महादेव का विकास होने से जशपुर में पर्यटन को उद्योग के रूप में बढ़ावा मिल सकता है. जिले में राजपुरी, रानीदाह, बेने, गुल्लू, कोतेबिरा, कैलाश गुफा, दरावघाघ सहित दर्जनों जलप्रपात हैं.