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Shubhanshu Shukla in ISS: 230 से ज्यादा बार देखा सूर्योदय, 100 लाख किमी की यात्रा, शुभांशु शुक्ला ने कैसे बिताए अंतरिक्ष में 12 दिन

Shubhanshu Shukla in ISS: अपने अंतरिक्ष प्रवास के दौरान सुभांशु शुक्ला समेत अन्य यात्रियों ने अंतरिक्ष से 230 से अधिक सूर्योदय देखे. उन्होंने करीब 100 लाख किमी की यात्रा तय की. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने अंतरिक्ष प्रवास के दौरान एक किसान की भूमिका में भी नजर आए. उन्होंने पेट्री डिश में मूंग और मेथी उगाई. उनकी उपज को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के एक फ्रीजर में रखा गया है.

Shubhanshu Shukla in ISS: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके एक्सिओम-4 चालक दल के सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 230 सूर्योदय देखे हैं. यही नहीं उन्होंने बीते दो सप्ताह के अंदर अंतरिक्ष में करीब 100 लाख किलोमीटर तक की यात्रा की है. शुभांशु शुक्ला, पैगी व्हिटसन, स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीवस्की और टिबोर कापू सहित एक्सिओम-4 चालक दल ने आईएसएस पर अपना अंतिम अवकाश दिवस बिताया. उम्मीद की जा रही है कि 14 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर लौट यह दल वापस धरती पर लौट सकता है.

230 बार देखे सूर्योदय

एक्सिओम स्पेस के एक बयान में यह बताया गया कि एक्सिओम मिशन 4 के चालक दल ने पृथ्वी के चारों ओर करीब 230 परिक्रमाएं पूरी कर ली हैं और साठ लाख मील या 96.5 लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है. बयान में यह भी कहा गया है “पृथ्वी से करीब 250 मील ऊपर से चालक दल ने अपना खाली समय तस्वीरें और वीडियो लेने, धरती का नजारा देखने और प्रियजनों से फिर से जुड़ने में बिताया.” जैव चिकित्सा विज्ञान, उन्नत सामग्री, तंत्रिका विज्ञान, कृषि और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 60 से अधिक प्रयोगों के साथ, एक्स-4 मिशन में अब तक एक्सिओम स्पेस के निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन पर किए गए सबसे अधिक शोध शामिल हैं.

अंतरिक्ष में उगाई मेथी और मूंग

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने अंतरिक्ष प्रवास के दौरान एक किसान की भूमिका में भी नजर आए. उन्होंने पेट्री डिश में मूंग और मेथी उगाई. उनकी उपज को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के एक फ्रीजर में रखा गया है. उन्होंने इसकी तस्वीर भी साझा की है. शुक्ला ने यह कार्य एक अध्ययन के तहत किया है ताकि पता लगाया जा सके कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अंकुरण और पौधों के प्रारंभिक विकास को कैसे प्रभावित करता है. एक्सिओम-4 यान से आईएसएस पहुंचे शुक्ला और उनके साथी प्रयोगशाला में 12 दिन बिता चुके हैं.

शोध से हो सकता है बहुत फायदा

आईएसएस में शुभांशु शुक्ला की टीम ने जो शोध किए है उससे धरती पर जीवन के भविष्य को बदल सकती है, साथ ही मधुमेह प्रबंधन, नई कैंसर उपचार और स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी जैसे क्षेत्रों में संभावित सफलताएं भी प्राप्त हो सकती हैं. एक्सिओम-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित हुआ और ड्रैगन अंतरिक्ष यान 28 घंटे की यात्रा के बाद अगले दिन अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा. शुक्ला ने कहा ‘एक विशेष अनुसंधान जिसे लेकर मैं सचमुच उत्साहित हूं, वह है स्टेम कोशिका अनुसंधान, जिसमें वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या स्टेम कोशिकाओं में सप्लीमेंट्स जोड़कर स्वास्थ्य लाभ, वृद्धि या चोट से उबरने में तेजी लाना संभव है. (भाषा)

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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