Shubhanshu Shukla Undock: अंतरक्षि से पृथ्वी में वापसी से पहले अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर में विदाई समारोह किया गया, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारतीयों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है. 25 जून को जब मैंने फाल्कन 9 पर यात्रा शुरू की थी, तब मैंने इसकी कल्पना भी नहीं की थी. इस मिशन से जुड़े लोगों की वजह से यह विशेष बन गया है. मैं अपने देश और उसके सभी नागरिकों को इस मिशन और मेरा समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं इसे संभव बनाने के लिए इसरो को धन्यवाद देता हूं. मैं नासा और उसके अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स को धन्यवाद देता हूं.”
शुभांशु ने बताया, अंतरिक्ष से कैसा दिखता है अपना भारत
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षा, निडरता, आत्मविश्वास और गर्व से भरा नजर आता है. शुक्ला ने भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 1984 में कहे शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘‘आज भी भारत ऊपर से ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है.’’ शुक्ला ने कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है… यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है.’’ भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि वह अपने साथ बहुत सारी यादें और सीख लेकर जा रहे हैं, जिन्हें वह अपने देशवासियों के साथ साझा करेंगे.
आईएसएस ने शुभांशु ने गुजारे 18 दिन
आईएसएस पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की विदाई का समय आ गया है और वे सोमवार को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे. शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री- कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड एवं हंगरी के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू, ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे.