Snake Bite : मध्य प्रदेश के गुना जिले के राघौगढ़ में लोगों की जान बचाने वाले सर्पमित्र दीपक महाबर की सर्पदंश से मौत हो गई. मौत से पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह गले में सांप लपेटे दिख रहा है. बाइक पर बैठा सर्पमित्र लोगों से बात करता दिख रहा है जबकि गले में लपेटा गया सांप लगातार रेंगने की कोशिश कर रहा है. हादसा एक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद हुआ. क्या कहते हैं एक्सपर्ट जानें यहां
हर गली-मोहल्ले में अब “स्नेक कैचर” बनने लगे हैं लोग
भगवान बिरसा जैविक उद्यान (रांची) के वरिष्ठ जीव वैज्ञानिक विवेकानंद कुमार ने बताया कि अब हर गली-मोहल्ले में “स्नेक कैचर” उग आए हैं. बिना बकायदा प्रशिक्षण, बिना अनुभव और बिना सुरक्षा के ये लोग सांप पकड़ने में लग जाते हैं. सिर्फ इसलिए ताकि उनका वीडियो वायरल हो जाए. लेकिन धीरे-धीरे ये लोग खुद ही सांप का शिकार बनते जा रहे हैं. यह एक गंभीर समस्या है, जिससे सिर्फ सांप ही नहीं, बल्कि इंसान भी खतरे में हैं.
रेस्क्यू के नाम पर तमाशा
विवेकानंद ने कहा कि सांप को रेस्क्यू करने का सही मतलब क्या होता है? इस सवाल का जवाब सभी को जानना चाहिए. सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़कर, बिना कोई नुकसान पहुंचाए जंगल में छोड़ देना चाहिए. लेकिन अब यह काम सोशल मीडिया का दिखावा बन चुका है. आजकल के अधिकांश स्वघोषित स्नेक कैचर पहले भीड़ जुटाते हैं, फिर सांप को गले में डालकर नाचते हैं. वीडियो शूट करते हैं. इसके बाद वे सांप को ऐसे डिब्बे में बंद करते हैं, जो उसकी जान के लिए खतरनाक हो सकता है.
सांप क्यों करता है हमला?
सांप एक संवेदनशील प्राणी है. जब उसे सही तरीके से संभाला जाता है, तो वह अधिकांश मामलों में नहीं काटता. लेकिन जब उसे गलत ढंग से छुआ जाता है या पकड़ा जाता है तो वह डर के कारण हमला करता है. यह सांप का स्वाभाविक व्यवहार है.
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वन विभाग को ये कदम उठाने चाहिए?
- हर स्नेक रेस्क्यूअर का पंजीकरण अनिवार्य हो.
- हर रेस्क्यू की पूरी जानकारी (नाम, स्थान, प्रजाति, कब पकड़ा गया, कहां छोड़ा गया) रिकॉर्ड में दर्ज हो.
- सांप को 24 घंटे के भीतर जंगल में छोड़ना अनिवार्य हो.
- पब्लिक शो, स्टंट और सोशल मीडिया प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे.
- गैर-पंजीकृत कैचर पर तत्काल कानूनी कार्रवाई हो.
क्या है ‘सुरक्षित रेस्क्यू’?
- जानवर को बिना चोट और तनाव के पकड़ा जाए.
- रेस्क्यू भीड़ से दूर शांत वातावरण में किया जाए.
- सही उपकरणों का उपयोग हो (जैसे स्नेक हुक, ट्यूब बैग आदि).
- जानवर को जल्द से जल्द जंगल में रिहा किया जाए.
- जनता को सुरक्षित रखा जाए, ना कि तमाशा बनाकर खतरे में डाला जाए.