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Space: स्पेस क्षेत्र के कारण गवर्नेंस, कृषि, रक्षा और अन्य क्षेत्र में आया है बदलाव

भारत का स्पेस क्षेत्र दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. इस क्षेत्र में तेजी से स्टार्टअप सामने आ रहे हैं और यह सरकार के गवर्नेंस मॉडल को भी बेहतर बनाने का काम कर रही है. स्पेस क्षेत्र आज भारत के हर घर को प्रभावित कर रहा है क्योंकि आम लोगों को कई तरह की सुविधा सैटेलाइट के जरिये मिल रही है.

Space: मौजूदा समय में देश की स्पेस तकनीक सिर्फ रॉकेट लांच करने तक सीमित नहीं है. स्पेस तकनीक के कारण सरकार के कामकाज में पारदर्शिता, शिकायतों का निवारण और आम नागरिकों की शासन में भागीदारी बढ़ रही है. पारदर्शिता के कारण भ्रष्टाचार में कमी आयी है और सरकारी कामकाज में लालफीताशाही कम हुई है. शनिवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप की ओर से आयोजित गुड गवर्नेंस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारत का स्पेस क्षेत्र दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. इस क्षेत्र में तेजी से स्टार्टअप सामने आ रहे हैं और यह सरकार के गवर्नेंस मॉडल को भी बेहतर बनाने का काम कर रही है. 

स्पेस तकनीक के कारण आम लोगों का जीवन आसान बनाने में मदद मिल रही है. स्पेस क्षेत्र आज भारत के हर घर को प्रभावित कर रहा है क्योंकि आम लोगों को कई तरह की सुविधा सैटेलाइट के जरिये मिल रही है. सरकार की कई योजनाओं के क्रियान्वयन में स्पेस क्षेत्र का अहम योगदान है. स्वामित्व योजना में स्पेस क्षेत्र का इस्तेमाल कर लोगों को प्रापर्टी कार्ड मुहैया कराया जा रहा है. इसके कारण अब लोगों को राजस्व अधिकारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा में है अहम योगदान

देश की सुरक्षा में स्पेस क्षेत्र का अहम योगदान है. सीमा पर निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने में सैटेलाइट का उपयोग अहम हो गया है. सेना के आधुनिकीकरण और युद्ध के बदलते तरीके में स्पेस क्षेत्र की भूमिका पहले से अधिक बढ़ गयी है. अब कृषि क्षेत्र में भी इसका रोल काफी अहम हो गया है. मौसम पूर्वानुमान, आपदा से निपटने, खतरे की पूर्व सूचना, शहरी योजना बनाने और सही समय में सही फैसला लेने में स्पेस तकनीक का योगदान अहम हो गया है. पड़ोसी देश भारतीय सैटेलाइट का उपयोग कर रहे हैं. 


आज भारत का स्पेस क्षेत्र काफी तरक्की कर चुकी है और चंद्रयान मिशन की सफलता इसका उदाहरण है. भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण देश का स्पेस क्षेत्र 8 बिलियन डाॅलर का हो गया है और आने वाले समय में यह 44 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि मौजूदा समय में स्पेस क्षेत्र का बजट 13416 करोड़ रुपये हो गया है, जो वर्ष 2013-14 में 5615 करोड़ रुपये था. 

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