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SpaDeX Mission: अंतरिक्ष में इसरो ने फिर किया कमाल, दूसरी बार की सैटेलाइट्स की डॉकिंग

SpaDeX Mission: स्पैडेक्स इसरो का एक महत्वाकांक्षी मिशन है. यह भविष्य में भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए मील का पत्थर साबित होगा. सबसे बड़ी बात की भारत इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. इससे भारत के लिए अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और चंद्रयान-4 और मार्स मिशन जैसे अभियानों के संचालन में और मदद मिलेगी.

SpaDeX Mission: दुनिया में एक बार फिर भारत का डंका बज रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन (SpaDeX Mission) के तहत दूसरी बार दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी. यह तकनीक के सहारे अंतरिक्ष में दो या उससे अधिक अंतरिक्ष यान को एक साथ जोड़कर या कक्षा में साथ लाकर एक बड़ी संरचना बनाया जाता है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का निर्माण भी डॉकिंग के जरिए किया गया है. दूसरी बार डॉकिंग सफल डॉकिंग से साफ हो गया है कि अब भारत भी इस क्षेत्र का माहिर हो गया है. इससे भारत के लिए अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और चंद्रयान-4 अभियान के संचालन में और मदद मिलेगी.

केंद्रीय मंत्री ने जताई खुशी

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है. जैसा कि पहले बताया गया था, PSLV-C 60/स्पैडेक्स मिशन को 30 दिसंबर 2024 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. इसके बाद उपग्रहों को पहली बार 16 जनवरी 2025 को सुबह 6:20 बजे सफलतापूर्वक डॉक किया गया और 13 मार्च 2025 को सुबह 9 बजकर 20 पर सफलतापूर्वक अनडॉक किया गया. अगले दो सप्ताह में आगे के प्रयोगों की योजना बनाई गई है.”

खास बातें-

  • अमेरिका, रूस, चीन के बाद स्पेस में सफलतापूर्वक डॉकिंग करने वाला भारत चौथा देश बन गया है.
  • भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए यह अहम मील का पत्थर साबित होगा.
  • इससे भारत के लिए अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और चंद्रयान-4 अभियान के संचालन में और मदद मिलेगी.

भारत बना ऐसा करने वाला चौथा देश

भारत तेजी से तरक्की कर रहा है. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग संबंधी प्रयोग करने वाला चौथा देश है. स्पेडेक्स में महारत हासिल करने से भारत की भविष्य में अंतरिक्ष योजनाओं के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है. चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने, वहां से अनुसंधान के लिए नमूने लाने और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन करने के लिए यह बेहद जरूरी है. इसरो के मुताबिक स्पेडेक्स दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है, जिसे पीएसएलवी के जरिये लॉन्च किया गया था.

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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