Supreme Court on Dog Bite Case: आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज के बढ़ रहे मामलों पर एक अंग्रेजी अखबार की मीडिया रिपोर्ट सामने आई, जिसपर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने स्वतः संज्ञान ले लिया है. पीठ ने बताया कि इस रिपोर्ट में कई चिंताजनक और परेशान करने वाले आंकड़े और तथ्य हैं. इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि शहरों और ग्रामीण इलाकों में हर रोज कुत्तों के काटने की सैकड़ों घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें बुजुर्ग और बच्चे रेबीज से होने वाली बीमारियों का शिकार बन रहे हैं. पीठ ने कहा है कि इस रिपोर्ट को प्रधान न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट में क्या बताया गया?
इस रिपोर्ट में आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार हुए दो बच्चों के बारे में विस्तार से बताया गया है. दिल्ली के पूठ कलां इलाके में पागल कुत्ते के काटने की वजह से एक छह साल की बच्ची की मौत हो गई थी. कुत्ते के काटने के बाद वह रेबीज का शिकार हो गई, जिसके बाद इलाज शुरू होने के बावजूद भी उसे नहीं बचाया जा सका और 26 जुलाई को उसकी मौत हो गई. इस बच्ची के अलावा एक चार साल के छोटे बच्चे पर भी कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था, जिससे बच्चा बुरी तरह घायल हो गया था. रिपोर्ट में यह बताया गया कि बच्चों के परिवार वालों के बार-बार शिकायत करने पर कथित तौर पर स्थानीय अधिकारी ने कोई कदम नहीं उठाया.
देशभर में कुल 37 लाख मामले
22 जुलाई को सरकार ने लोकसभा में एनसीडीसी की एक रिपोर्ट को सामने रखा था. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले सामने आए हैं. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लिखित तौर पर जानकारी दी कि 2024 में कुत्तों के काटने के कुल 37,17,336 मामले सामने आए और रेबीज के कारण हुई संदिग्ध 54 मौतें दर्ज की गईं.