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मुंबई ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर ‘सुप्रीम’ रोक, SC ने जारी किया नोटिस

Mumbai Train Blast Case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया था, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

Mumbai Train Blast Case: सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में 12 आरोपियों को बरी करने के आदेश पर रोक ला दिया है. साथ ही 1 महीने के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया था, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

4 हफ्ते के भीतर मांगा जवाब

दरअसल, मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एन के सिंह और न्यायमूर्ति एम एस सुंदरेश के बेंच कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के इस फैसले को मिसाल के तौर पर नहीं माना जाएगा. कोर्ट ने कहा कि मैंने फाइलें पढ़ी है, जिसमें कुछ आरोफी पाकिस्तान के भी हैं. इस दौरान फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.

रिहा हुए आरोपी दोबारा नहीं जाएंगे जेल

महाराष्ट्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने जिन्हें रिहा किया था, उन्हें दोबारा जेल भेजने की मांग नहीं कर रही है. हालांकि, उन्होंने यह चिंता जताई कि हाई कोर्ट के कुछ कानूनी निष्कर्ष, अन्य लंबित मामलों खासकर मकोका के तहत चल रहे मुकदमों पर असर डाल सकते हैं. मेहता ने यह भी बताया कि इन आरोपियों में कुछ पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिससे यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक संवेदनशील हो जाता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश ने सॉलिसिटर जनरल की दलीलों को रिकॉर्ड पर लिया और कहा कि यह मामला न केवल गंभीर है, बल्कि इसमें सीमा पार का आयाम भी जुड़ा हुआ है. अदालत की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि जिन लोगों को हाई कोर्ट ने रिहा किया है, उन्हें फिलहाल दोबारा जेल में नहीं डाला जाएगा.

सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने किया था बरी

सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के सभी 12 आरोपियों की रिहाई का फैसला सुनाया था. देर शाम 12 में से 2 आरोपियों को नागपुर सेंट्रल जेल से बरी भी कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए SC ने फैसले पर रोक लगा दी.

189 लोगों की हुई थी मौत

11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेन में लगातार 7 बम धमाके हुए थे. इस धमाके में 189 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 820 लोगों गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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