Tahawwar Rana: मुंबई में 26/11 में हुए आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को आज भारत लाया गया है. जिसके बाद तहव्वुर राणा को सबसे पहले एनआईए की टीम द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा है. राणा को आज एनआईए की कोर्ट में पेश किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज एनआईए के तीन अधिकारी और खुफिया विभाग के तीन अधिकारी मिलकर अमेरिका से राणा को वापस भारत लेकर आने पहुंचे. राणा का भारत आना बीजेपी सरकार की एक बड़ी जीत मानी जा रही है. चलिए जानते हैं इस जीत के पीछे की उस वजह के बारे में जिसके कारण यह हो पाया है. राणा के केस की जज एलेना कगन जिसके एक फैसले के कारण आज राणा भारत आने पर मजबूर हुआ. चलिए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से.
कौन हैं एलेना कगन?
तहव्वुर राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में 27 फरवरी को प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट की जज एलेना कगन ने 6 मार्च को खारिज कर राणा की आखिरी उम्मीद को भी खत्म कर दिया और राणा को वापस भारत लाने में बाधा बन रहे कारण पर पूर्ण विराम लगा दिया था. एलेना कगन 64 वर्ष की हैं. वर्ष 2010 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में एलेना कगन की नियुक्ति की थी. एलेना कगन अमेरिका के इतिहास की पहली महिला सॉलिसिटर जनरल भी हैं. इसके अलावा एलेना कगन अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की चौथी महिला जज हैं.
तहव्वुर राणा की दलील
तहव्वुर राणा ने एलेना कगन द्वारा याचिका खारिज करने के बाद भी कई बार अमेरिका के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के सामने भी प्रत्यर्पण को लेकर याचिका दायर की थी. राणा ने याचिका में यह कहा कि उनका स्वास्थ्य अभी बहुत ही गंभीर है. उसके पाकिस्तान और इस्लामाबाद आर्मी का हिस्सा होने के कारण भारत में कठोर ज्यादती झेलना पड़ेगा. लेकिन कोर्ट द्वारा इस दलील को खारिज कर दिया गया.
किस जेल में रखा जाएगा राणा को?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा को तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वाले वार्ड में रखा जा सकता है. जेल सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि राणा को जेल में रखने के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं. अब बस जेल अधिकारी कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.