Mumbai Terror Attacks: मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिका से भारत लाया गया. शाम में उसे लेकर विशेष विमान दिल्ली के एयरपोर्ट पर लैंड किया. जब तहव्वुर का विमान दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा तो, उससे पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया गया था. राणा का एयरपोर्ट पर मेडिकल टेस्ट कराया गया. उसे वहां से सीधे पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया. इसके लिए सुरक्षा की खास व्यवस्था की गई. वहीं एयरपोर्ट पर तहव्वुर हुसैन की पहली तस्वीर सामने आयी है. सफेद बाल और बढ़ी हुई दाढ़ी में तहव्वुर राणा नजर आ रहा है. उसके भूरे रंग का जंपसूट भी पहन रखा है. एनआईए के जवान उसे घेरे हुए हैं.
Mumbai Terror Attacks: तहव्वुर राणा की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी
तहव्वुर राणा को पालम एयरफोर्स स्टेशन से सीधे पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया, जहां उसकी पेशी हो रही है. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और एनआईए के विशेष लोक अभियोजक, अधिवक्ता नरेंद्र मान तहव्वुर राणा की अदालत में पेशी से पहले दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे.
Mumbai Terror Attacks: राणा को तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जाएगा
तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि राणा (64) को जेल में रखने के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं और जेल अधिकारी अदालत के आदेश का इंतजार करेंगे.
भारत सरकार की कूटनीति जीत : कोब्बी शोशनी
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर, मध्य-पश्चिम भारत में इजरायल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने कहा, “मैं भारत को बधाई देना चाहता हूं। यह भारत सरकार की कूटनीति की बड़ी जीत है. उसे भारत लाना एक बड़ी सफलता है. हमें आतंकवादियों या उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाना है जिन पर आतंकवादी होने का संदेह है. मुंबई में 3 दिन की भयावह रातें और दिन; हम नरीमन हाउस और बाकी जगहों पर जो कुछ हुआ उसे नहीं भूलेंगे.”
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है राणा
राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी है.
तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पित होना बड़ी उपलब्धि
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, “तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पित होना भारत सरकार और एजेंसियों की बहुत बड़ी उपलब्धि है… पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर किए गए इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी. इसलिए तहव्वुर राणा को जवाबदेह ठहराना बहुत जरूरी है. कई कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है. उससे पूछताछ और हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी की भूमिका का पता लगाने के बाद जांच पूरी होगी. उसने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी. पाकिस्तान की आईएसआई ने कैसे इस पूरे मामले को अंजाम दिया और कैसे उसने पाकिस्तानी सेना की मदद की, इस बारे में कई राज सामने आएंगे. पाक सेना के दो मेजर इस पूरे मामले को संभाल रहे थे. क्या यह सब आईएसआई को जानकारी दिए बिना हो रहा था? क्या आईएसआई यह सब सेना प्रमुख को जानकारी दिए बिना कर रही थी?”